इजरायल-हमास युद्ध से ईरान को क्या फायदा हो रहा है?
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इजरायल-हमास युद्ध मिडिल ईस्ट की राजनीति को किस तरह से बदल देगा, क्या कांग्रेस नए सिरे से ओबीसी राजनीति करने की कोशिश में है, आज AAP विधायक अमानतुल्लाह ख़ान के घर ED की रेड क्यों हुई और ब्रेन स्ट्रोक पर आई एक नई स्टडी आपको परेशान क्यों कर सकती है, सुनिए 'दिन भर' में
युद्ध हमने शुरू नहीं किया था लेकिन इसे ख़त्म हम ज़रूर करेंगे.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयान में हिदायत नहीं, गुस्सा था. हमास को तबाह कर देने की ज़िद्द थी. इस भाषण के कुछ ही देर बाद न्यूज़ चैनल्स पर एक ब्रेकिंग फ्लैश हुई. इजरायल ने गाजा बॉर्डर पर कब्ज़ा कर लिया था.
कल ही इजरायल के रक्षा मंत्री ने पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे का आदेश दिया था. रात भर इजरायल ने गाजा पर हमले किए, मिसाइलें दागी. 200 जगहों को निशाना बनाया. अब तक हमास के 1500 लड़ाके मारे जा चुके हैं. इजराइल भी 123 सैनिकों को गंवा चुका है. इधर पीएम मोदी की आज नेतन्याहू से बात हुई. पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ इजरायल को मदद का भरोसा दिलाया. अमेरिका भी इजरायल के साथ कंधे से कंधा मिलाए खड़ा है. लेकिन अमेरिका के ही न्यूयॉर्क में फ्री पैलेस्टाइन और वी सपोर्ट पैलेस्टाइन के पोस्टर्स लिए लोग सड़कों पर मार्च कर रहे हैं.
युद्ध… इजरायल और हमास का है. मगर इसमें स्टेक मिडिल ईस्ट देशों का भी है. इजरायल पर हमले के बाद हमास के प्रवक्ता गाजी ने कहा था कि ये हमला उन अरब देशों को चेतावनी है जो इजरायल से दोस्ती बढ़ाने की फिराक में हैं. इशारा सऊदी अरब की तरफ था, जिसकी इजरायल से नजदीकियां लगातार बढ़ रही हैं.
युद्ध की स्थिति को देखते हुए आज ईरान ने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज की बैठक भी बुलाई थी, इजरायल- फिलिस्तीन विवाद से मिडिल ईस्ट का भी गहरा जुड़ाव है. वहां की राजनीति इस युद्ध के बाद किस तरह का बदलाव ले रही है, क्लिक कर के सुनिए ‘दिन भर’ में.
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