
इजरायल, फिलिस्तीन और हमास... दशकों से चली आ रही जंग की जड़ क्या है? जानें हर बार कैसे मजबूत होते गए यहूदी
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इजरायल, हमास और फिलिस्तीन. इस लड़ाई में प्रमुख तौर पर यही तीन स्टेक होल्डर हैं. इजरायल और अरब देशों की अदावत पुरानी है.साल 1948 में जब इजरायल बना तभी से अरब देशों की इजरायल से बनती नहीं थी.
जब हमास के आतंकियों ने शनिवार सुबह इजरायल में तांडव किया तो पूरी दुनिया में चर्चा होने लगी कि इजरायल पर हमला हुआ है. ऐसे में सवाल उठा कि आखिर हमास ने इजरायल पर हमला क्यों किया? हालांकि इन दोनों देशों के बीच जंग कोई नई बात नहीं है. आंकड़े बताते हैं कि जब-जब हमास ने हमला किया है तो ज्यादा नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ा है. हमास, इजरायल और फिलस्तीन. आइए समझते हैं कि आखिर इस जंग का पूरा मामला क्या है?
इजरायल, हमास और फिलिस्तीन. इस लड़ाई में प्रमुख तौर पर यही तीन स्टेक होल्डर हैं. इजरायल और अरब देशों की अदावत पुरानी है.साल 1948 में जब इजरायल बना तभी से अरब देशों की इजरायल से बनती नहीं थी. जिसका नतीजा ये हुआ कि यूनाइटेड नेशन का टू स्टेट प्लान कभी अमल में नहीं लाया जा सका. टू स्टेट प्लान संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन और इजरायल के विवाद खत्म करने के लिए किया था जिसमें यहूदियों के लिए इजरायल और फिलिस्तीनियों के लिए फिलिस्तीन का प्रावधान.
मजबूत होता गया इजरायल
लेकिन इतिहास गवाह है कि जब-जब इजरायल पर हमले हुए, इजरायल ने मुंहतोड़ जवाब दिया. न सिर्फ जवाब दिया बल्कि अपनी स्थिति भी मजबूत करता गया. फिर चाहे 1967 का 6 दिन का युद्ध हो या फिर 1973 का अरब-इजरायल युद्ध. हर युद्ध में इजरायल भौगौलिक तौर पर अपना आकार बढ़ाता गया. फिलिस्तीनियों की जमीन खिसकती गई.
1990 का दशक आते-आते इजरायल और फिलिस्तीन में बातचीत का दौर शुरु हुआ. एक तरफ बातचीत के जरिए विवाद खत्म करने का प्रयास किया जाने लगा. दूसरी तरफ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने 1987 में हमास नाम के संगठन की शुरुआत की. अंग्रेजी में हमास का मतलब इस्लामिक रजिस्टेंश मूवमेंट है.
फिलीस्तीन को इस्लामिक स्टेट बनाने का था मकसद

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