
आतंकियों का काल हैं गरुड़ कमांडो, 3 साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद बनते हैं 'फौलाद'
AajTak
गरुड़ कमांडो एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा जैसे मुख्य दायित्व निभाते हैं. इसके अलवा वायुसेना के अहम ठिकाने जहां राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से जरूरी उपकरण लगे होते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी गरुड़ फोर्स के ही जिम्मे होती है. लेकिन बदलते हालात में गरुड़ कमाण्डो आतंकवाद का खात्मा करने की अपनी नई भूमिका के लिए तैयार हो रहे हैं.
आतंकवाद के खात्मे और सरहद पर दुश्मनों से सीधे मुकाबले के लिए वायुसेना के गरुड़ कमाडो नई भूमिका में तैयार हो रहे हैं. किसी भी भारतीय स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग का सबसे लम्बा ट्रेनिंग पीरियड गरुड़ फोर्स में ही होता है. हर कमांडो को 72 हफ्ते के ट्रेनिंग कोर्स से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें बेसिक ट्रेनिंग भी शामिल होती है.
तीन साल की ट्रेनिंग के बाद ही एक गरुड़ कमांडो पूरी तरह ऑपरेशनल कमांडो बनता है. ट्रेनिंग इतनी सख्त होती है कि ट्रेनिंग लेने वालों में से 30 फीसदी ट्रेनी शुरुआती 3 महीनों में ही ट्रेनिंग छोड़ देते हैं. गरुड़ कमांडो दुश्मन के बीच पहुंचकर चारों तरफ से दुश्मन से मुकाबला करते हैं. ऐसे में आधुनिक ये कमांडर ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम देते हैं.
गरुड़ कमांडो कई तरह के हथियार चलाने में माहिर होते हैं. इनमें एके 47, आधुनिक एके-103, सिगसोर, तवोर असाल्ट राइफल, आधुनिक निगेव LMG और एक किलोमीटर तक दुश्मन का सफाया करने वाली गलील स्नाइपर शामिल हैं. निगेव एलएमजी से एक बार में 150 राउंड फायर किए जा सकते हैं. तवोर असाल्ट राइफल जैसे आधुनिक हथियारों के साथ साथ गरुड़ कमांडो नाइट विजन, स्मोक ग्रेनेड, हैंड ग्रेनेड आदि भी इस्तेमाल करते हैं.
आतंकियों से मुकाबले के वक्त रूम इंटरवेंशन की कार्रवाई के दौरान गरुड़ कमांडो घर के अंदर घुसकर आतंकियों का सफाया करते हैं. शहरी क्षेत्रों में ऐसे ऑपरेशन के लिए गरुड़ कमांडो हेलीकॉप्टर के जरिए स्लिदरिंग करके उतरने की कार्रवाई को अंजाम देते हैं.
गरूड़ ट्रेनिंग सेंटर चांदीनगर के कमांडेंट ने आजतक को बताया कि गरुड़ कमांडोज को काउंटर-इन्सर्जन्सी ऑपरेशंस की ट्रेनिंग भी दी जाती है. इसके लिए इन्हें मिजोरम में काउंटर इन्सर्जन्सी एंड जंगल वारफेयर स्कूल (सीआईजेडब्लूएस) में प्रशिक्षित किया जाता है. गरुड़ कमांडो को हर तरह से युद्ध के लिए तैयार बनाने के लिए ट्रेनिंग के अंतिम दौर में इन्हें भारतीय सेना के पैरा कमांडोज की सक्रिय यूनिट्स के साथ फर्स्ट हैंड वे अन्य बारीकियों को सीखते हैं.
गरुड़ कमांडो एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा जैसे मुख्य दायित्व निभाते हैं. इसके अलवा वायुसेना के अहम ठिकाने जहां राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से जरूरी उपकरण लगे होते हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी गरुड़ फोर्स के ही जिम्मे होती है. लेकिन बदलते हालात में गरुड़ कमाण्डो आतंकवाद का खात्मा करने की अपनी नई भूमिका के लिए तैयार हो रहे हैं.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










