
आजम और बेटे पर ताबड़तोड़ केस, फिर रामपुर में 'साइकिल' पंक्चर की... जानें कौन हैं आकाश सक्सेना
AajTak
बीजेपी के आकाश सक्सेना ने उपचुनाव में समाजवादी पार्टी से रामपुर विधानसभा सीट छीन ली है. रामपुर वो सीट है जिस पर चार दशकों तक समाजवादी पार्टी के नेता आजम खाम का दबदबा रहा. आजम खान की सदस्यता रद्द होने के बाद यहां उपचुनाव कराए गए थे. जानिए रामपुर में पहली बार बीजेपी को जीत दिलाने वाले आकाश सक्सेना कौन हैं.
उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर अब बीजेपी का कब्जा हो गया है. रामपुर आजम खान का गढ़ है. एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी, इसलिए यहां उपचुनाव कराए गए थे. उपचुनाव में बीजेपी के आकाश सक्सेना ने रामपुर में सपा के आसिम रजा को हरा दिया. रामपुर में बीजेपी की ये पहली जीत है.
रामपुर एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां दशकों तक आजम खान का कब्जा रहा. महज 32 साल की उम्र में आजम खान यहां से पहली बार विधायक बन गए थे. 1980 से 2022 तक आजम खान यहां से 10 बार विधायक चुने गए. इस दौरान आजम खान एक बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा भी गए.
यहां आजम खान का दबदबा किस हद तक कायम है, इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि 2017 और 2022 में प्रचंड जीत के बावजूद बीजेपी रामपुर में नहीं जीत सकी थी. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि आखिर आकाश सक्सेना कौन हैं? जिनकी बदौलत रामपुर में पहली बार कमल खिल सका है.
कौन हैं आकाश सक्सेना?
आकाश सक्सेना पहली बार विधायक बने हैं. लेकिन वो जिस परिवार से आते हैं, उसका राजनीति और बीजेपी से बहुत पुराना संबंध है.
उनके पिता शिव बहादुर सक्सेना को बीजेपी के शुरुआती सदस्यों में से एक माना जाता है. शिव बहादुर सक्सेना स्वार सीट से चार बार विधायक रहे हैं. उत्तर प्रदेश में जब कल्याण सिंह की सरकार थी, उसमें शिव बहादुर सक्सेना मंत्री भी थे.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










