
'आखिरी बुलेट तक लड़े और गोलियां खत्म हुईं तो...' जाफर एक्सप्रेस के बंधक पुलिस ऑफिसर ने बताई खौफनाक कहानी
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पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. इस ऑपरेशन में सभी बलूच विद्रोही मारे गए और कुछ बंधकों की भी जान गई है. बंधकों के हमले से बचे एक पुलिस ऑफिसर ने बताया है कि कैसे विद्रोहियों ने ट्रेन को कब्जे में किया और कैसे वो उनके चंगुल से भागने में कामयाब हुए.
पाकिस्तान की सेना को 30 घंटे के बाद आखिरकार कामयाबी मिल गई है और जाफर एक्सप्रेस के बंधकों को विद्रोहियों से छुड़ा लिया गया है. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया है. हालांकि, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 21 बंधकों की भी जान गई है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट में सेना के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान की आर्मी ने 300 से अधिक बंधकों को छुड़ाया है. ट्रेन पर सवार 440 यात्रियों में 100 सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे.
इन सुरक्षाकर्मियों में से एक पुलिस ऑफिसर ने ट्रेन हाईजैक की पूरी कहानी बयान की है. बीबीसी ऊर्दू से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाईजैक का मंजर काफी भयावह था. उन्होंने बताया कि वो और उनके साथी आखिरी गोली तक विद्रोहियों से लड़ते रहे.
आखिरी गोली तक लड़े पुलिस वाले फिर...
पुलिस ऑफिसर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि हमले के वक्त जाफर एक्सप्रेस किसी सुरंग में नहीं बल्कि खुले आसमान के नीचे चल रही थी. तभी ट्रैक पर एक धमाका हुआ और ट्रेन अचानक से रुक गई. थोड़ी देर बाद आसपास की पहाड़ियों से आतंकी निकले और रॉकेटों की बौछार शुरू हो गई.
उन्होंने कहा, 'वो हर जगह थे... सैकड़ों की संख्या में और हम लोग केवल 75 पुलिसकर्मी थे. हमारे साथ दो फ्रंटियर कॉर्प्स के सैन्यकर्मी भी थे.'

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