असम के दूसरे चरण का चुनाव क्यों बीजेपी और कांग्रेस के लिए अहम बन गया?
AajTak
दूसरे दौर की 39 सीटों पर 345 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला गुरुवार को होना है जबकि 47 सीटों पर शनिवार को वोटिंग हो चुकी है. इस तरह से असम की दो तिहाई सीटों पर गुरुवार को चुनाव खत्म हो जाएगा. इन दोनों ही चरण के चुनाव राज्य की दशा और दिशा को तय करने वाले माने जा रहे हैं.
असम विधानसभा चुनाव में पहले दौर की 47 सीटों के बाद अब गुरुवार को दूसरे चरण में 39 सीटों पर मतदान होना है. ऐसे में राज्य की 126 सीटों में से 86 सीटों पर चुनाव पूरे हो जाएंगे. यही वजह है कि सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के अगुवाई वाले विपक्षी दलों के गठबंधन के लिए यह चरण सबसे ज्यादा अहम है, क्योंकि इसके बाद आखरी चरण की महज 40 सीटों के लिए ही मतदान होगा. इसीलिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी बढ़त बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि आखिरी चरण में निर्णायक साबित हो सके. बता दें कि असम विधानसभा के लिए दूसरे चरण की सीटों के लिए चुनाव प्रचार का शोर मंगलवार शाम थम गया. दूसरे दौर की 39 सीटों पर 345 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला गुरुवार को होना है जबकि 47 सीटों पर शनिवार को वोटिंग हो चुकी है. इस तरह से असम की दो तिहाई सीटों पर गुरुवार को चुनाव खत्म हो जाएगा. इन दोनों ही चरण के चुनाव राज्य की दशा और दिशा को तय करने वाले माने जा रहे हैं.पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत में हो रहे आम चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाक में सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तभी बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाक में भारत को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन वहां (भारत) वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है.