अलर्ट के बावजूद हमले रोकने में क्यों फेल रहा अमेरिका? घिरे बाइडेन... अभी भी टला नहीं है काबुल में खतरा
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सीरियल ब्लास्ट में कई लोगों की मौत होने के बाद अभी भी काबुल में खतरा कम नहीं हुआ है. अमेरिकी सेना का मानना है कि आने वाले दिनों में इस तरह के हमलों की संख्या बढ़ सकती है, जो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान काफी चुनौतीपूर्ण होगा.
अफगानिस्तान के काबुल में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया चौकन्नी है. काबुल एयरपोर्ट से अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, ऐसे में तमाम देशों की सेनाएं सतर्क हैं. लेकिन अभी भी काबुल में खतरा कम नहीं हुआ है. अमेरिकी सेना का मानना है कि आने वाले दिनों में इस तरह के हमलों की संख्या बढ़ सकती है, जो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान काफी चुनौतीपूर्ण होगा. अमेरिकी सेना के जनरल फ्रैंक मैकेंजी के मुताबिक, काबुल में एयरपोर्ट पर अभी और भी खतरनाक हमले हो सकते हैं. क्योंकि 31 अगस्त तक कई देशों ने अपने लोगों को निकालने की बात कही है, ऐसे में बाकी बचे 3-4 दिनों में इस तरह के हमले लगातार हो सकते हैं.भारत 46वें अंटार्कटिक संसद की मेजबानी कर रहा है. 30 मई तक चलने वाली इस बैठक में बर्फीले महाद्वीप से जुड़े कई मुद्दों पर बात होगी. फिलहाल वैज्ञानिक परेशान हैं क्योंकि अंटार्कटिक महासागर के भीतर धाराएं कमजोर पड़ रही हैं. डर जताया जा रहा है कि साल 2050 तक ये बहाव इतना कम हो जाएगा कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन घटने लगेगी.
इजरायल ने रफा में हमास के ठिकानों पर रविवार को हवाई हमला किए हैं. इजरायली सेना के इस हमले में कम से कम 35 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और कई लोग घायल हो गए हैं. गाजा में हमास द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किदरा ने कहा, हमले में 34 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.