
अमेरिका ने भारत के खिलाफ पहली बार उठाया ये कदम!
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अमेरिका ने ईरान पर सख्ती दिखाते हुए ऐसी कई कंपनियों के इंटरनेशनल नेटवर्क पर प्रतिबंध लगा दिया हैं, जो ईरान के तेल और पेट्रो केमिकल को साउथ और ईस्ट एशिया में बेचने और पैसों के लेनदेन का काम कर रही थीं. इनमें एक भारतीय कंपनी भी शामिल है.
अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने ईरान के खिलाफ कड़ी सख्ती दिखाते हुए उसके साथ कारोबार कर रहे भारत समेत अन्य देशों को भी संदेश दिया है. दरअसल, अमेरिका ने ईरान के हजारों करोड़ों के पेट्रोलियम और पेट्रोल केमिकल को साउथ और ईस्ट एशिया में बेचने वाली कंपनियों के इंटरनेशनल नेटवर्क पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन कंपनियों में एक भारतीय कंपनी भी शामिल बताई जा रही है. भारत में ईरान के तेल की बिक्री को लेकर अमेरिका ने पहली बार ऐसा कदम उठाया है. यूक्रेन से युद्ध के बीच भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर भी अमेरिका कई बार नाराजगी जाहिर कर चुका है.
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की ओर से बताया गया कि इस एक्शन के जरिए उन ईरानी दलालों व यूएई, हॉन्ग कॉन्ग और भारत की कुछ कंपनियों को निशाना पर लिया गया, जो ईरान के तेल और पेट्रो केमिकल प्रॉडक्ट्स की सप्लाई और वित्तीय लेनदेन के तरीकों को आसान कर रहे थे.
अमेरिका का कहना है कि जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, इन्होंने न सिर्फ ईरानी शिपमेंट के सोर्स को छुपाने की कोशिश की बल्कि दो प्रतिबंधित ईरानी दलाल कंपनी Triliance Petrochemical और Persian Gulf Petrochemical Industry Commercial (PGPICC) को एशिया में खरीदारों के लिए फिर से सक्रिय करने में अहम किरदार निभाया है.
ट्रेजरी फॉर टेरेरिज्म एंड फाइनेंशियल इंटेलिजेंस के अंडर सेक्रेटरी ब्रायन ई. नेल्सन ने इस बारे में कहा कि ईरान के अवैध तेल और पेट्रो केमिकल बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है. और अमेरिका यह प्रतिबंध उस समय तक जारी रखेगा, जब तक ईरान परमाणु करार (जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ ऐक्शन) को लागू करने के लिए साथ मिलकर काम नहीं करेगा.
नेल्सन की ओर से कहा गया कि जैसे ईरान परमाणु करार का उल्लंघन करते हुए अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाता रहेगा, ऐसे में हम भी ईरान के ऊपर तेल और पेट्रो केमिकल बेचने के लिए प्रतिबंधों को जारी रखेंगे.
नेल्सन ने आगे कहा कि ईरान के तेल और पेट्रो केमिकल की निर्यात पर कठोर प्रतिबंधों के एक्शन के साथ अमेरिका की ओर से यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. ऐसे में अगर कोई भी इस मामले में ईरान का साथ देता है, तो उस पर तुरंत रोक लगा दी जाएगी.

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