
अमेरिका की आपत्ति नजरअंदाज, सस्ते तेल के बाद भारत ने रूस से किया एक और सौदा!
AajTak
भारत ने रूस के साथ एक बहुवर्षीय सौदा किया है. इस सौदे के तहत रूस भारत को उर्वरक उपलब्ध कराएगा. उर्वरक की बढ़ती कीमतों के बीच भारत के लिए ये राहत की खबर है. भारत-रूस के बीच ये सौदा वस्तु-विनिमय प्रणाली के तहत हो रहा है.
यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच उर्वरक की बढ़ती कीमतों ने भारत जैसे कृषि प्रधान देश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. रूस विश्व में उर्वरकों का बड़ा उत्पादक है और प्रतिबंधों के कारण अब वो वैश्विक बाजार में उर्वरक नहीं भेज पा रहा है जिससे उर्वरक की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. इस बीच भारत के लिए राहत की बड़ी खबर ये है कि भारत ने रूस से उर्वरकों की एक बड़ी आपूर्ति को अंतिम मंजूरी दे दी है. अधिकारियों के मुताबिक, सालों तक चलने वाले इस आयात सौदे की बातचीत को अंतिम रूप दे दिया गया है.
वस्तु विनिमय प्रणाली के तहत हो रहा व्यापार
यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर प्रतिबंध लगे हैं जिस कारण वो डॉलर में व्यापार नहीं कर पा रहा है. रूस से व्यापार को लेकर अमेरिका ने कई बार भारत को भी आगाह करने की कोशिश की है. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि वो अपने हितों के अनुरूप ही विदेश नीति तय करेगा. पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से भारत-रूस व्यापार के लिए वस्तु-विनिमय प्रणाली अपना रहे हैं. इसके तहत भारत रूस से उर्वरक खरीदेगा. बदले में रूस को उसी मूल्य का चाय, उद्योगों के लिए कच्चा माल और ऑटो पार्ट्स दिया जाएगा.
भारत अपने उर्वरक जरूरतों के लिए है आयात पर है निर्भर
भारत की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है. भारत की 2.7 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि का हिस्सा 15% है. रूस-यूक्रेन युद्ध से उर्वरकों के आयात पर असर पड़ा है जिससे किसानों पर बोझ बढ़ गया है.
फरवरी में शुरू हुई थी बातचीत

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







