
अमीर बनना है तो मत खरीदें फ्लैट-घर, किराये पर रहें... फिर इतना पैसा हो जाएगा कि एक साथ ले सकेंगे 2 घर
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Rent or Buy Flat: आज हम आपको ये समझाने की कोशिश करेंगे कि लोन लेकर घर-फ्लैट खरीदना क्यों फायदे का सौदा नहीं है, वो भी पहली नौकरी पकड़ते ही. अगर आप ऐसा करते हैं तो वित्तीय तौर पर बंध जाएंगे. इससे बेहतर होगा कि आप किराये पर ही रहें.
हर किसी का सपना होता है कि एक घर अपना हो... भारत में घर के साथ इमोशन भी जुड़ा होता है. आपने भी सुना होगा कि उसके बेटे से नौकरी पकड़ते ही शहर में अपना घर भी ले लिया है. हां, ये भी सच है कि अब घर खरीदना थोड़ा आसान हो गया है. क्योंकि होम लोन तुरंत मिल जाता है, जो कि घर की कीमत की एक बड़ा हिस्सा होता है.
घर खरीदने के लिए जॉब और डाउन पेमेंट जुगाड़ होते ही होम लोन (Home Loan) आसानी से मिल जाता है. इसलिए अक्सर लोग जॉब पकड़ते ही घर खरीदने का बड़ा फैसला ले लेते हैं. डाउन पेमेंट (Down Payment) का जुगाड़ इधर-उधर से हो जाता है. लेकिन क्या नौकरी पकड़ते ही घर खरीदने का फैसला सही होता है? और क्या करियर की शुरुआत में होम लोन (Home Loan) लेना सही कदम होता है?
दरअसल, आज हम आपको ये समझाने की कोशिश करेंगे कि लोन लेकर घर-फ्लैट खरीदना क्यों फायदे का सौदा नहीं है, वो भी पहली नौकरी पकड़ते ही. अगर आप ऐसा करते हैं तो वित्तीय तौर पर बंध जाएंगे. इससे बेहतर होगा कि आप किराये पर ही रहें. आप खुद भी आंकलन कर सकते हैं कि आपके लिए क्या सही कदम होगा. आमतौर पर जब लोग लोन लेकर घर खरीदते हैं तो वो EMI में बंधकर रह जाते हैं. क्योंकि देश में अधिकतर लोग होम लोन कम से कम 20 साल के लिए लेते हैं. आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि घर खरीदना बेहतर सौदा होगा या किराये पर रहना...
बड़े शहरों में फ्लैट खरीदने का प्रचलन दरअसल, देश में अधिकतर मध्यवर्गीय परिवार 2BHK फ्लैट खरीदते हैं, खासकर मेट्रो शहरों में यही ट्रेंड है. 2BHK फ्लैट की कीमत शहरों के हिसाब से तय होती है. अगर दिल्ली-NCR को उदाहरण के तौर पर लें तो यहां करीब 50 लाख रुपये में मिल जाते हैं. इसके लिए करीब 15 फीसदी तक अमाउंट डाउन पेमेंट (Down Payment) करना होता है. यानी करीब 7 से 8 लाख रुपये डाउन पेमेंट करना होता है. इसके साथ ही Stamp Duty, Registration Charges और ब्रोकरेज अलग से लगता है.
यही नहीं, नया घर खरीदने पर अक्सर लोग नए फर्नीचर और डेकोरेशन के सामान भी खरीदते हैं, जिसपर एक अनुमान के मुताबिक 4 लाख रुपये तक खर्च कर देते हैं. डाउन पेमेंट और इस खर्च को जोड़ दें तो गृह-प्रवेश से पहले 12 लाख रुपये तक अलग से खर्च हो जाते हैं.
आइए एक उदाहरण से समझते हैं... करीब 50 लाख रुपये का फ्लैट खरीदने के लिए कोई अगर 7 लाख रुपये डाउन पेमेंट करता है और बाकी 43 लाख रुपये होम लोन लेता है. क्रेडिट स्कोर (Credit Score) अच्छा रहने पर मौजूदा समय में 9% ब्याज दर पर होम लोन मिल जाता है. 9 फीसदी ब्याज के हिसाब से 20 साल के लिए 43 लाख रुपये के होम लोन पर 38,688 रुपये की EMI बनती है. इसके अलावा डाउन पेमेंट और बाकी चीजों पर आपको करीब 12 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे.

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