अब राष्ट्रीय राजनीति में खुद को आजमाने निकले केसीआर, किसान आंदोलन, गलवान... तक एजेंडे में
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तेलंगना के मुख्यमंत्री केसीआर शुक्रवार से देशव्यापी दौरा शुरू करने जा रहे हैं, जिसके तहत दिल्ली पहुंचेगे. इसके बाद पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार जाएंगे, जहां पर किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसान परिवारों और गलवान घाटी में जान वाले सैनिकों को तीन-तीन लाख की आर्थिक मदद करेंगे.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई नेता खुद को केंद्र की राजनीति में स्थापित करने की जुगत भिड़ा रहे हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ये कोशिश तो 2019 के लोकसभा चुनाव से कर रही हैं लेकिन अब तेलंगाना के सीएम और टीआरएस के नेता के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर भी इस मुहिम में निकल पड़े हैं.
केसीआर मई के महीने में पूरे देश की यात्रा पर निकल रहे हैं. तेलंगाना के सीएम आज दिल्ली में तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे. इसके अलावा केसीआर आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों के साथ भी मुलाकात कर देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार-विमर्श करेंगे.
22 मई को केसीआर चंडीगढ़ में किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मुलाकात कर उनको 3-3 लाख रुपये की आर्थिक मदद देंगे. इस कार्यक्रम में यूपी के किसान परिवार भी शामिल रहेंगे. केसीआर के साथ आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान सिंह भी मौजूद रहेंगे.
दिल्ली-पंजाब के बाद केसीआर 26 मई को कर्नाटक जाएंगे. इस दौरान केसीआर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से मुलाकात करेंगे. 27 मई को वो महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि जाएंगे और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजार से मिलेंगे. साथ ही वह शिरडी साईं बाबा के दर्शन करेंगे फिर वहां से वो हैदराबाद लौट आएंगे.
मई के आखिरी हफ्ते यानी 29 और 30 मई को तेलंगाना सीएम केसीआर पश्चिम बंगाल और बिहार के दौरे पर जाएंगे. इस दौरान वह गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों के परिवार के सदस्यों को 3-3 लाख रुपये की आर्थिक मदद सौंपेंगे.
केसीआर की यह पूरी कवायद राष्ट्रीय राजनीति में अपने लिए संभावना तलाशने के लिए है. केसीआर ने पहले भी मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते रहे हैं. साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन की बात कह चुके हैं और इस दिशा में कई बार कोशिश भी कर चुके हैं. केसीआर ने हाल ही में आई-पैक के साथ अनुबंध किया है, जिसके साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जुड़े हुए थे.
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