अब पहले से ज्यादा घातक होगी नौसेना की सबमरीन, DRDO को मिली ये बड़ी सफलता
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एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) वो तकनीक है जो समुद्र के अंदर पनडुब्बियों की शक्ति बढ़ा देती है. AIP तकनीक से नॉन न्यूक्लियर पनडुब्बियां समुद्र के अंदर बिना ऑक्सीजन की मौजूदगी के भी ऑपरेट कर पाती हैं. इस तकनीक के जरिए सबमरीन में डीजल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम को बदला जा सकता है. AIP पनडुब्बी को समुद्र में पानी के नीचे अधिक समय तक रहने की शक्ति देता है.
आईएनएस करंज हमलावर पनडुब्बी को भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के एक दिन बाद ही देश ने रक्षा के क्षेत्र एक और बड़ी सफलता हासिल कर ली है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार की रात मुंबई में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक का अंतिम परीक्षण किया जो पूरी तरह सफल रहा. एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) वो तकनीक है जो समुद्र के अंदर पनडुब्बियों की शक्ति बढ़ा देती है. AIP तकनीक से नॉन न्यूक्लियर पनडुब्बियां समुद्र के अंदर बिना ऑक्सीजन की मौजूदगी के भी ऑपरेट कर पाती हैं. इस तकनीक के जरिए सबमरीन में डीजल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम को बदला जा सकता है. AIP पनडुब्बी को समुद्र में पानी के नीचे अधिक समय तक रहने की शक्ति देता है. AIP तकनीक गैर-परमाणु पनडुब्बियों को वायुमंडलीय ऑक्सीजन के बिना संचालित करने की अनुमति देती है और हमलावर पनडुब्बियों के डीजल-इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली को बढ़ाती है. इसका मतलब यह है कि एआईपी फिटेड पनडुब्बी को अपनी बैटरी चार्ज करने के लिए सतह पर नहीं आना पड़ता है और लंबे समय तक पानी के नीचे रह सकती है. एआईपी से लैस पनडुब्बियों की पहचान एसएसपी के रूप में की जाती है जबकि क्लासिक डीजल हमले की पनडुब्बियां एसएसके सीरीज के तहत आती हैं.More Related News
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