अब घायलों को Air Ambulance से पहुंचाया जाएगा अस्पताल, भारत सरकार ने बनाया ये खास प्लान
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अपने पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंत्रालय ने ऋषिकेश एम्स के लिए ऐसे एयर ऑपरेटरों से 6 महीने की अवधि के लिए आवेदन मांगे हैं, जिनके पास सिंगल इंजन या दो इंजन वाला हेलीकाप्टर है. इस हेलीकॉप्टर का उपयोग दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए किया जाएगा, ताकि उनकी जान बचाई जा सके.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय घायलों को त्वरित उपचार मुहैया कराने के एयर एंबुलेंस शुरू करने जा रहा है. दरअसल, इमरजेंसी मेडिकल सर्विस (ईएमएस) को बढ़ावा देने को अपने पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंत्रालय ने ऋषिकेश एम्स के लिए ऐसे एयर ऑपरेटरों से 6 महीने की अवधि के लिए आवेदन मांगे हैं, जिनके पास सिंगल इंजन या दो इंजन वाला हेलीकाप्टर है. इस हेलीकॉप्टर का उपयोग दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए किया जाएगा, ताकि उनकी जान बचाई जा सके.
प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, "आपात परिस्थितयों में हेलीकॉप्टर मेडिकल सुविधा मुहैया कराने में बड़ा रोल निभाएगा. बाद में भूमि आधारित एम्बुलेंस को बढ़ाने के लिए एक बड़ा एचईएमएस नेटवर्क शामिल करने की कल्पना की गई है. देश भर में व्यापक जनसंख्या आधार तक ट्रॉमा केयर सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए."
परियोजना के बारे में बात करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, "हेलीकॉप्टर आपात चिकित्सा सेवा में अहम रोल निभा सकता है. बाद में एम्बुलेंस के जरिए भी घायलों को समय से मेडिकल सुविधा मुहैया कराने विचार किया जाना है."
15 सितंबर से पहले भेज सकते हैं आवेदन
आगे कहा गया कि एक बार सफल होने के बाद यह प्रोजेक्ट भारत में स्वास्थ्य सुविधा में एक बड़ी उपलब्धी होगी और प्राइवेट प्लेयर्स को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगी. मंत्रालय की ओर से 15 सितंबर या उससे पहले तक इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं. इसके बाद उन्हें दिल्ली में मंत्रालय मुख्यालय में बारी-बारी से बुलाया जाएगा. जहां उन्हें अपने अनुभव, क्षमताओं और संबंधित मुद्दों पर एक प्रसेंटेशन देने के लिए कहा जाएगा.
ये लोग कर सकते हैं आवेदन
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