अगर आप भी करते हैं ATM, DEBIT- CREDIT CARD का इस्तेमाल तो ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड से बचाएंगे ये टिप्स
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एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग, पासवर्ड हैकिंग से लेकर स्पूफिंग जैसे कई ऐसे तरीके हैं जिससे आपके बैंक खाते में रखे आपके खून-पसीने की कमाई को हड़पा जा सकता है.
नई दिल्ली. दिल्ली की सरिता विहार में रहने वाली रचना वर्मा नोएडा में वाके एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करती हैं. वह अपने ज्यादातर ट्रांजेक्शन डैबिट या क्रेडिट कार्ड से ही करती हैं. हफ्ता भर पहले उनके फोन पर एक इलेक्ट्रोनिक शो रूम से 72 हजार रुपये की खरीदारी का मैसेज आया जबकि रचना उस वक्त अपने दफ्तर में थीं और उनका डेबिट कार्ड भी उनके पास था.उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत की है. फरीदाबाद के सेक्टर-12 में रहने वाले श्याम सुंदर जो पेशे से एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं. एक महीना पहले उनके खाते से 38 हजार रुपया डिडक्ट होने का उनके पास मैसेज आया, जबकि यह ट्रांजेक्शन उनकी तरफ से नहीं किया गया था. बैंक में पता करने पर मालूम हुआ कि किसी खाते में ये पैसे ट्रांस्फर किए गए हैं. यानी रचना और श्याम सुंदर दोनों ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो गए. तेजी से बढ़ रहे हैं ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के मामले मुल्क में जिस तेजी से डिजिटल लेनदेन को फरोग दिया जा रहा है और कैश के बदले प्लास्टिक मनी चलन में आ रहा है, उसी तेजी से ऑनलाइन ठगी के जुर्म भी बढ़ते जा रहे हैं. एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग, पासवर्ड हैकिंग से लेकर स्पूफिंग जैसे कई ऐसे तरीके हैं जिससे आपके बैंक खाते में रखे आपके खून-पसीने की कमाई को हड़पा जा सकता है. साइबर अपराध के एक्सपर्ट और उत्तर प्रदेश पुलिस में पुलिस अधीक्षक डॉ. त्रिवेणी सिंह कहते हैं साइबर ठगी करने वाले काफी होशियार और चालाक होते हैं. उनके निशाने पर कोई भी शख्स आ सकता है. वह अपने शिकार को बैंक की तरफ से एटीएम कार्ड बदलने, पिन ब्लॉक होने, क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने की जानकारी देकर खातों से जुड़ी जरूरी सूचना हासिल कर लेते हैं. पीडित को इसका पता खाते की जांच करने या एसएमएस आने के बाद चलता है. त्रिवेणी सिंह कहते हैं, “हालांकि अपनी तरफ से होने वाली कुछ गलतियों को दूर कर इस खतरे से आसानी से बचा जा सकता है.’’More Related News