
VIDEO: महिला ने बीच सड़क पर खोल दिया कैब का दरवाजा, पीछे से ऑटो आया और...
AajTak
कर्नाटक के वायरल वीडियो में एक कैब बीच सड़क पर रुकती है. यहां अंदर बैठी महिला बिना सोचे समझे दरवाजा खोलकर उतर जाती है. इतने में बगल से गुजर रहा ऑटे खुले दरवाजे से बुरी तरह से टकराता है. इसके बाद जो होता है वह हैरान करने वाला है.
दुनिया में बेवकूफों की कमी नहीं. ऐसे लोगों के चलते अक्सर दूसरे लोगों को नुकसान झेलना पड़ता है तो कई बार बड़ी दुर्घटनाएं भी हो जाती है. हाल में सोशल मीडिया पर एक महिला की ऐसी ही बेवकूफी का वीडियो वायरल हुआ है. ये वीडियो कथित रूप से कर्नाटक की एक सड़क का है.
वीडियो में एक कैब बीच सड़क पर रुकती है. यहां अंदर बैठी महिला बिना सोचे समझे दरवाजा खोलकर उतर जाती है. इतने में बगल से गुजर रहा ऑटे खुले दरवाजे से बुरी तरह से टकराता है और दरवाजा मुड़ जाता है. यहां अजीब ये होता है कि इतनी बड़ी बेवकूफी के बाद भी महिला दरवाजे को जबरदस्ती बंद करके अपने रास्ते चल पड़ती है.
ऑटो वाला उतरकर महिला पर चिल्लाता है जबकि कैब ड्राइवर कैब को रोड के किनारे लगाने लगता है. लेकिन महिला बेपरवाह सी चल देती है. ये सब कुछ पीछे आ रही कार के डैशकैम में रिकॉर्ड हो गया. वीडियो को किसी ने @3rdEyeDude नाम के ट्विटर पेज पर शेयर किया है और लोग इसपर ढेरों कमेंट कर रहे हैं.
वायरल वीडियो को लेकर सड़क सुरक्षा और यात्रियों और ड्राइवरों की ज़िम्मेदारियों पर बहस छिड़ गई है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ऐसी स्थिति में गलती किसकी है? कमेंट में अधिकतर लोग महिला को ही दोषी ठहरा रहे हैं और कह रहे हैं कि इस बेवकूफी से बड़ी दुर्घटना होने से बच गई है. बता दें कि पहले भी ऐसे कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें लोगों को बेवकूफी के चलते भीषण हादसे होने से बचे हैं.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









