
US राष्ट्रपति चुनाव 2024 के ताजा सर्वे में ट्रम्प को बढ़त, बाइडन की अप्रूवल रेटिंग में गिरावट
AajTak
इस सप्ताह जारी सीएनएन के सर्वे में जॉर्जिया में डोनाल्ड ट्रम्प को जो बाइडन से 5 प्रतिशत अंकों से आगे दिखाया गया था. इस राज्य में बाइडन ने 2020 में लगभग 12,000 वोटों से जीत हासिल की थी. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि डोनाल्ड ट्रम्प मिशिगन में जो बाइडन से 10 प्रतिशत अंकों से आगे हैं.
अमेरिका में अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साल से भी कम का वक्त बचा है. द हिल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख स्विंग स्टेट्स में किए गए हालिया सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन से आगे चल रहे हैं. ये स्विंग वोट वाले राज्य 2024 की राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.
ताजा सर्वेक्षण के अनुसार ट्रम्प जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, एरिजोना, विस्कॉन्सिन और पेंसिल्वेनिया में बैलट पर तीसरी पार्टी के विकल्प के साथ और उसके बिना भी बाइडन से आगे हैं. विशेष रूप से जो बाइडन ने 2020 में इनमें से प्रत्येक राज्य में डोनाल्ड ट्रम्प पर बढ़त हासिल की थी. यदि ट्रम्प को 2024 में जीत हासिल करनी है तो उन्हें इन राज्यों में बढ़त हासिल करनी होगी.
पिछले चुनाव में जहां जीते थे बाइडन वहां सर्वे में इस बार पीछे
हालांकि सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक ट्रम्प उपरोक्त राज्यों में अगले राष्ट्रपति पद के लिए लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं और बाइडन को अपनी स्थिति में सुधार करने के लिए बहुत काम करना है. इस सप्ताह जारी सीएनएन के सर्वे में जॉर्जिया में डोनाल्ड ट्रम्प को जो बाइडन से 5 प्रतिशत अंकों से आगे दिखाया गया था. इस राज्य में बाइडन ने 2020 में लगभग 12,000 वोटों से जीत हासिल की थी.
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि डोनाल्ड ट्रम्प मिशिगन में जो बाइडन से 10 प्रतिशत अंकों से आगे हैं. यहां मौजूदा राष्ट्रपति ने 2020 में लगभग 1,55,000 वोटों से जीत हासिल की थी. सर्वेक्षण में पाया गया कि दोनों राज्यों में बहुमत (जॉर्जिया में 54 प्रतिशत और मिशिगन में 56 प्रतिशत) का मानना है कि जो बाइडन की नीतियों ने अमेरिका की आर्थिक स्थिति खराब कर दी है.
महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स में डोनाल्ड ट्रम्प से पीछे हैं जो बाइडन

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







