UPI पेमेंट पर लग सकता है 0.3% चार्ज! सिफारिश के बाद अब सरकार के हाथ में फैसला
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आईआईटी बॉम्बे द्वारा ‘चार्जेस फॉर पीपीआई बेस्ड यूपीआई पेमेंट्स- द डिसेप्शन’ टॉपिक से पब्लिश की गई स्टडी में कहा गया है कि 0.3% फीस से 2023-24 में करीब 5,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.
UPI पर हाल ही में चार्ज लगाने को लेकर बड़ी यूजर्स के बीच बड़े असमंजस की स्थिति देखने को मिली थी. हालांकि इसके बाद NPCI ने साफ कर दिया था कि इस 2 हजार रुपये से ज्यादा के भुगतान पर चार्ज लगाने का कोई इरादा नहीं है. लेकिन अगर सरकार IIT बंबई की एक सिफारिश को मान लेती है तो फिर मुमकिन है कि UPI के सभी तरह के भुगतान पर लोगों को एकसमान चार्ज का भुगतान करना पड़े. दरअसल, सरकार UPI पेमेंट सिस्टम के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की फंडिंग और इसकी वित्तीय मजबूती तय करने के लिए ट्रांजेक्शंस पर 0.3 फीसदी एकसमान डिजिटल भुगतान सुविधा शुल्क लगा सकती है. एक स्टडी के बाद IIT बंबई ने इसकी सिफारिश की है.
सरकार की तिजोरी में आएंगे 5 हजार करोड़
‘चार्जेस फॉर पीपीआई बेस्ड यूपीआई पेमेंट्स- द डिसेप्शन’ टॉपिक से पब्लिश स्टडी में कहा गया है कि 0.3% फीस से 2023-24 में करीब 5,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. हालांकि मोबाइल वॉलेट के जरिए होने वाले भुगतान पर इंटरचेंज फीस लगाने के NPCI के फैसले के असर का विश्लेषण करने वाली स्टडी में कहा गया है कि दुकानदारों को मिलने वाले पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं लिया जाना चाहिए. भले ही ये रकम सीधे UPI के माध्यम से आए या प्रीपेड ई-वॉलेट के जरिए.
UPI भुगतान पर नहीं है कोई चार्ज
मौजूदा कानून के मुताबिक बैंक या कोई दूसरी UPI सर्विस प्रोवाइडर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर UPI के माध्यम से भुगतान करने या हासिल करने वाले शख्स पर कोई शुल्क नहीं लगा सकता. हालांकि, कई मौकों पर बैंक और प्रणाली प्रदाताओं ने UPI कानून की अपनी सुविधा से व्याख्या करने की कोशिशें की हैं.
तेजी से बढ़ रहा है UPI का चलन
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