UP: योगी के खिलाफ चुनाव, अखिलेश के विरुद्ध प्रचार, 26 साल से धरने पर बैठे पूर्व शिक्षक का ऐलान
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विजय सिंह पेशे से एक शिक्षक थे. उन्होंने एक दिन एक बच्चे को अपनी मां से रोटी मांगते देखा. इस घटना से वे इतने व्यथित हुए कि उनकी जिंदगी बदल गई. अब वे अपनी लड़ाई को चुनाव के मैदान में ले जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की सरगर्मी शिखर पर है. इस चुनाव में एक शख्स ऐसा है जिसने अकेले ही उत्तर प्रदेश के दो VVIP को चुनौती देने की ठान ली है. यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार एक व्यक्ति सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव को चुनौती देने जा रहा है. उत्तर प्रदेश के एक पूर्व स्कूल शिक्षक विजय सिंह ने कहा है कि वह इस बार गोरखपुर शहरी सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे और करहल विधानसभा क्षेत्र में अखिलेश यादव के खिलाफ प्रचार करेंगे.
आज लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना है. इस बीच देशभर की वीआईपी सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इन 51 हॉट सीटों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट, कंगना रनौत की उम्मीदवारी वाली मंडी सीट, हेमा मालिनी की उम्मीदवारी वाली मथुरा सीट, अरुण गोविल की उम्मीदवारी वाली मेरठ सीट और शत्रुघ्न सिन्हा की उम्मीदवारी वाली आसनसोल सीट भी शामिल हैं.
राज्यपाल ने संकट में फंसे लोगों को तुरंत मदद देने के लिए एक क्विक रिस्पांस टीम का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि ज़रूरतमंद लोगों को आवास और परिवहन भी मुहैया कराया जाएगा. राज्यपाल ने सभी लोगों से संयम बरतने और उपद्रवियों की ओर से शांति भंग करने या संभावित हिंसा के बारे में किसी भी जानकारी की सूचना राजभवन को देने की अपील की है.
मनाली के ब्यास नदी के पास उत्तर प्रदेश की रहने वाली दो महिलाएं सेल्फी ले रही थी. पैर फिसलने से दोनों ब्यास नदी में डूब गईं और दोनों की मौत हो गई. पुलिस का कहाना है कि उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली आंचल का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर बरामद किया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. दूसरी महिला का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
झारखंड के डीजीपी (DGP) अजय कुमार सिंह ने राजधानी रांची की कानून व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में रांची जोन के आईजी, डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान डीजीपी ने कहा है कि झारखंड में पहली बार सभी 14 सीटों पर हिंसा के बिना मतदान संपन्न हुआ है.
सुकमा में 17 लाख के इनामी 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. उसने राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे पुनर्वास योजना का लाभ दिया गया है. सभी का कहना है कि वे लोग माओवादी विचारधारा से पूरी तरह ऊब चुके थे. इस कारण उसने सरेंडर करने का निर्णय लिया. वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट उनका स्वागत किया है.