
UP में पीट-पीटकर हत्या पर पुलिस की थ्योरी पर उठा सवाल, परिवार वालों का अलग दावा
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कौशांबी में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने कहा था कि आरोपी अपनी महिला मित्र से मिलने गया था, तभी उसको ग्रामीणों ने पकड़ लिया, इस दौरान आरोपी ने फायरिंग की, इसके बाद आरोपी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हालांकि परिजन कुछ और दावा कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पिपरी थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले हुए पीट-पीटकर हत्याकांड मामले में गैरइरादतन हत्या, हत्या का प्रयास और बलवा की एफआईआर दर्ज हुई है. प्रधानपति व उनके पुत्र सहित पांच लोगों के खिलाफ नामजद किया गया है. तीन अज्ञात के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है. पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के अहमदपुर असरौली निवासी जफर आलम (28) पुत्र जावेद अली की सोमवार को पिपरी इलाके के मीरपुर गांव में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. पिटाई से उसका भाई नूर आलम भी घायल हुआ था. आरोप है कि भैंस की बिक्री के रुपये के लेनदेन के विवाद में मीरपुर प्रधानपति मानिकचंद ने अपने बेटे शनि, अवधेश, अवधेश के भतीजे ,पप्पू पुत्र कंधई व अन्य साथी ने मिलकर जफर की हत्या की है. तीन अज्ञात सहित कुल आठ को उसने नामजद किया गया है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 147 / 148 / 149 / 323 / 504 / 506 / 308 / 304 के तहत केस दर्ज किया है.
जबकि कौशांबी एसपी की ओर से ट्वीटर पर बयान जारी करके बताया गया है कि जफर अपनी महिला मित्र से मिलने मीरपुर गया था, वहां महिला मित्र के परिजनों से उसका झगड़ा हो गया, ग्रामीणों ने बीच-बचाव किया तो जफर ने फायरिंग कर दी, जिसके बाद गुस्साए लोगों ने जफर व उसके भाई को पीट दिया. पिटाई से जफर की मौत हो गई.
जफर के पिता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर और पुलिस की कहानी बिल्कुल भिन्न है. पुलिस अपनी मिस्ट्री पर ही भरोसा कर रही है. अपनी मिस्ट्री को सच मानकर पुलिस जांच आगे बढ़ाएगी तो आरोपित प्रधानपति-पुत्र सहित नामजद किए गए आठों मुल्जिम नहीं बल्कि जफर की महिला मित्र तथा उसके परिजन दोषी बनाए जा सकेंगे, लेकिन पिटाई करने वाली भीड़ में शामिल लोगों को पहचानना पुलिस के लिए चुनौती होगा.
साक्ष्यों के अभाव में नहीं की गिरफ्तारी
पुलिस के पास किसी को भी जेल भेजने के लिए साक्ष्यों का घोर अभाव हैय यही वजह है कि घटना के तीसरे दिन गुरुवार को भी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई, जिन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, फिलहाल उन्हें भी जेल नहीं भेजा गया है.
जफर के भाई नूर आलम ने भी की थी फायरिंग!

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