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UP में छठे चरण का चुनाव... मोदी का जादू ही नहीं, इन 5 की भी प्रतिष्ठा है दांव पर
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उत्तर प्रदेश की जिन 14 सीटों पर 25 मई को मतदान होने जा रहा है वहां इस बार राज्य की राजनीति के धुरंधरों की अग्निपरीक्षा होने वाली है. समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की पूरी रणनीति कितने पानी में इस बार पता चल जाएगा.
लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण की वोटिंग 25 मई को होनी है. इस फेज में उत्तर प्रदेश में जिन 14 सीटों पर मतदान होगा वहां मुकाबला बहुत कन्फ्यूजिंग है. इनमें आधी सीटें ऐसी हैं जहां राजनीतिक विश्लेषक भी नहीं समझ पा रहे हैं कि किस जाति का वोट किसको जाएगा. इस चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, फूलपुर, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज, जौनपुर,मछलीशहर, भदोही और आजमगढ़ में वोटिंग होनी है. राजा भैया और धनंजय सिंह के हनक और रुतबे की तो परीक्षा होगी ही भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की रणनीति की अग्निपरीक्षा भी हो जाएगा.
अखिलेश का पीडीए फार्मूला और बीजेपी की जातिगत आधार पर बनी पार्टियों का सहयोग कितना काम करता है, यह भी पता चलेगा. इसके अलावा इस फेज में बीजेपी की दिग्गज लीडर मेनका गांधी, जगदंबिका पाल, दिनेश लाल यादव निरहुआ, कृपाशंकर सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
1-धनंजय सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर
जौनपुर और मछलीशहर का चुनाव बीजेपी के लिए फंसा हुआ है. माफिया टर्न पॉलिटिशियन धनंजय सिंह का इलाके में बहुत दबदबा है. केवल राजपूत ही नहीं, दूसरी जातियों के वोट भी उन्हें मिलते हैं. हालांकि पिछले कई चुनाव वो हार चुके हैं पर अपने सर्किल के वोट उन्हें हर हाल में मिलते ही हैं. इसलिए जौनपुर और मछली शहर में अगर बीजेपी जीतती है तो उसमें उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है. अगर हारती है तो यही कहा जाएगा कि उनका जादू नहीं चला. जौनपुर लोकसभा सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला है. एनडीए की तरफ से बीजेपी ने पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है. जबकि समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है. इस सीट पर बीएसपी ने पहले धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया था. बाद में श्रीकला रेड्डी चुनाव से हट गईं. ये क्यों हुआ, इसके लिए अलग-अलग दावें हैं. फिलहाल जिस तरह धनंजय सिंह बीजेपी के लिए खुलकर बैटिंग कर रहे हैं उससे सब कुछ साफ है. अब देखना है कि वो जौनपुर और मछलीशहर सीट बीजेपी के खाते में डालने में कितनी मदद कर पाते हैं.
मछली शहर में बीजेपी ने मौजूदा सांसद बीपी सरोज को उम्मीदवार बनाया है. बीपी सरोज के पास जीत की हैट्रिक बनाने का मौका है. सरोज पिछले 10 साल से सांसद हैं.साल 2019 आम चुनाव में सरोज को सिर्फ 181 वोटों से जीत मिली थी. समाजवादी पार्टी ने 3 बार सांसद रहे तूफानी सरोज की 26 साल की बेटी प्रिया सरोज पर भरोसा जताया है. जाहिर है कि इस बार बीजेपी के लिए यहां का चुनाव आसान नहीं है. धनंजय सिंह की प्रतिष्ठा यहां पर भी दांव पर रहेगी.
2-राजा भैया बीजेपी को कितना पहुंचा सकते हैं नुकसान?
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लगभग 37 लाख की आबादी वाले मणिपुर के इतिहास में कई घटनाएं हुई हैं. लेकिन पिछले 1 साल में मणिपुर में जो हुआ, इसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की होगी. अदालत के एक आदेश के बाद 3 मई 2023 को मणिपुर की घाटी और पहाड़ों में रहने वाले 2 समुदायों के बीच ऐसी जंग छिड़ गई थी, जिसका अभी तक अंत नहीं हो सका है. इंफाल समेत पूरी घाटी में रहने वाले मैतेई बहुल इलाकों और घाटी के चारों तरफ पहाड़ों पर रहने वाले कुकी आदिवासी बहुल इलाकों के बीच एक अनकही खाई बन गई है.
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डीजीपी ने कहा, 'जब आप किसी खतरे या चुनौती के बारे में बात करते हैं तो आप देखते हैं कि यह कितना गंभीर या बड़ा है. चुनौतियां सीमा पार से आ रही हैं और टेरर हैंडलर्स ने तय किया है कि वे इस तरह की आतंकी गतिविधियां को जारी रखेंगे. वे देख रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दिन अब गिनती के रह गए हैं क्योंकि घाटी में आतंकी ढांचे को बड़ा झटका लगा है.'