UP: गंगा किनारे खुले में हो रहा अंतिम संस्कार, PPE किट और मास्क से संक्रमण का खतरा
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लोगों को मजबूरी में खुले में गंगा किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. घाटों पर हर तरफ गंदगी दिखाई दे रही है, जगह- जगह पर खुले में इस्तेमाल हुईं पीपीई किट और मास्क पड़े हैं, जिसकी वजह से संक्रमाण का खतरा ज्यादा बढ़ गया है.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को ले लिया है. मौतों का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही है. यूपी के फर्रूखाबाद स्थित पांचाल घाट की स्थिति बेहद डरावनी है, शवों के अंतिम संस्कार के लिए बने सभी प्लेटफार्म भरे रहते हैं, जिसकी वजह से लोगों को मजबूरी में खुले में गंगा किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. घाटों पर हर तरफ गंदगी दिखाई दे रही है, जगह- जगह पर खुले में इस्तेमाल हुई पीपीई किट और मास्क पड़े हैं, जिसकी वजह से संक्रमाण का खतरा ज्यादा बढ़ गया है. कोविड शवों के दाह संस्कार के लिए प्रोटोकॉल का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है. श्मशान घाट पर लंबी- लंबी लाइनें लगी हैं, लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. कोविड और नॉन-कोविड शवों का दाह संस्कार एक ही स्थान पर किया जा रहा है. इतना ही नहीं कोविड से हुई मौतों के अंतिम संस्कार के बाद लोग मास्क और पीपीई किट वहीं पर फेंक चले जा रहे हैं, जिसकी वजह से मोक्ष धाम में कोरोना के संक्रमण के फैलने का खतरा पहले ज्यादा हो गया है.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.