
Ukraine पहुंचा दुनिया का बेस्ट स्नाइपर Wali, एक दिन में कर सकता है 40 दुश्मनों को ढेर, रूस का बढ़ेगा सिरदर्द!
AajTak
फ्रेंच-कैनेडियन कम्प्यूटर साइंटिस्ट वली 2 बार अफगानिस्तान युद्ध में स्पेशल ऑपरेशन का हिस्सा बन चुके हैं. 2009 से 2011 के बीच कई दुश्मनों को ढेर करने के बाद उन्हें वली नाम दिया गया था.
पिछले 15 दिनों से जारी रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) की जंग थमती दिखाई नहीं दे रही है. दोनों देशों के बीच युद्ध रोकने पर कोई सहमति नहीं बन पा रही है. इस बीच दुनिया के बेस्ट स्नाइपर्स (most famous sniper) में शामिल वली (Wali) यूक्रेन पहुंच गए हैं. बता दें कि वली रोजाना औसतन अपनी गन से 40 दुश्मनों को निशाना बना सकते हैं.
वली एक फ्रेंच-कैनेडियन कम्प्यूटर साइंटिस्ट हैं. वे 2 बार अफगानिस्तान में युद्ध में चलने वाले स्पेशल ऑपरेशन में शामिल हो चुके हैं. 2009 से 2011 के बीच उन्होंने अपनी बंदूक से कई दुश्मनों को निशाना बनाया. इसके बाद उन्हें वली नाम की उपाधी दी गई.
यूक्रेन के लोगों की मदद करना चाहते हैं वली
वर्ल्ड मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में वली ने कहा कि उन्हें यूक्रेन आकर अच्छा लग रहा है. वे ऐसा महसूस कर रहे हैं, जैसे यूक्रेन के लोगों के साथ उनकी पुरानी दोस्ती है. उन्होंने आगे कहा कि वे यूक्रेन के लोगों की मदद करना चाहते हैं. रूस पर आरोप लगाते हुए वली ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन के मासूम लोगों पर सिर्फ इसलिए बमबारी कर रही है कि वे रूसी न बनकर यूरोपीय बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले वे कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में व्यस्त थे. लेकिन अब जंग के मैदान में अपनी बंदूक लेकर उतर गए हैं. यही उनकी सच्चाई है. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को यह पसंद नहीं था कि मैं यूक्रेन की जंग का हिस्सा बनूं. लेकिन मैंने सख्त निर्णय लिया और यहां चला आया.
लोगों के सामने आने से परहेज नहीं

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






