
Sri Lanka Crisis: 'चीन ने श्रीलंका की मदद नहीं की, भारत का आभारी हूं', बोले राष्ट्रपति की रेस में आगे चल रहे साजिथ प्रेमदासा
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प्रेमदासा (sajith premadasa) ने गोटाबाया राजपक्षे पर आरोप लगाया कि इस्तीफा देने की बजाय वो विदेश भाग गए. उन्होंने कहा, देश के राष्ट्रपति कहते हैं कि वह इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और वे विदेश चले गए.
श्रीलंका में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन के बीच विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने कहा कि संवैधानिक रूप से जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों इस्तीफा देते हैं तो स्पीकर, कार्यवाहक राष्ट्रपति बनता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया गया.
प्रेमदासा ने गोटाबाया राजपक्षे पर आरोप लगाया कि इस्तीफा देने की बजाय वो विदेश भाग गए. उन्होंने कहा, देश के राष्ट्रपति कहते हैं कि वह इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और वे विदेश चले गए. स्पीकर द्वारा दिए गए एक बयान के आधार पर पीएम कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा कर रहे हैं. देश में इस समय अराजकता राज कर रही है. इस विशेष स्थिति में संवैधानिकता का मजबूत होना महत्वपूर्ण है. संवैधानिक प्रक्रियाओं को लागू किया जाना चाहिए. लेकिन हमने देखा कि कुछ नेता खुद के राजनीतिक अस्तित्व के लिए मनमानी कर रहे हैं.
साजिथ प्रेमदासा से जब पूछा गया किया कि लोगों को राजनीतिक नेतृत्व पर भरोसा नहीं है, लेकिन आप संसद में नंबर कैसे प्राप्त करेंगे तो उन्होंने कहा कि वर्तमान की संसदीय रचना साल 2020 के चुनाव के समय की लोगों की राय है. इसलिए संसद और कार्यकारी अध्यक्ष दोनों की वर्तमान में लोगों की राय और आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं.
मेरी शर्तों के वजह से नहीं बनाया गया PM
प्रधानमंत्री के पद से इनकार करने और अब राष्ट्रपति पद पर दावा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने प्रीमियरशिप से इनकार नहीं किया. मैंने कुछ शर्तों पर स्वीकृति दी थी, जो कार्यकारी अध्यक्ष की शक्तियों को कम कर देतीं. इन शर्तों में अधिक पारदर्शिता, लोकतंत्र, जवाबदेही और लोकतंत्रीकरण, जिसके लिए राष्ट्रपति सहमत नहीं थे. इस समय सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि मैं ऐसी सरकार और राष्ट्रपति के अधीन काम नहीं करूंगा, जिसे लोगों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया हो.
600 अरब की छूट से बने ऐसे हालात

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