
Solomon Islands: सोलोमन आइलैंड पर 7.3 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके, सुनामी का अलर्ट
AajTak
सोलोमन आइलैंड पर मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 तीव्रता थी. तेज भूकंप के बाद सोलोमन आइलैंड पर सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया. सोलोमन में भूकंप ऐसे वक्त पर आया, जब एक दिन पहले ही इंडोनेशिया की राजधानी जाकार्ता में भूकंप से 162 लोगों की मौत हो गई.
सोलोमन आइलैंड पर मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 तीव्रता थी. तेज भूकंप के बाद सोलोमन आइलैंड पर सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया. सोलोमन में भूकंप ऐसे वक्त पर आया, जब एक दिन पहले ही इंडोनेशिया की राजधानी जाकार्ता में भूकंप से 162 लोगों की मौत हो गई.
भूकंप से इंडोनेशिया में भारी तबाही
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सोमवार को भूकंप के एक झटके में कई बड़ी इमारतें धराशाही हो गईं. भूकंप से अब तक यहां 162 लोगों की मोत हो गई. सैकड़ों लोग घायल हुए. भूकंप की तीव्रता 5.6 रही थी. यहां कई लोग अभी भी इमारतों के मलबे में दबे हैं. इन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है.
भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत के एक पहाड़ी क्षेत्र में सियानजुर शहर के करीब था. सोमवार दोपहर भूकंप के झटके से लोग घबरा गए और घरों से निकलकर सड़कों पर भागने के लिए मजबूर हो गए. भूकंप से इमारतें गिर गईं. सियांजुर में अस्पताल की पार्किंग रात भर पीड़ितों से भरी रही. कुछ का अस्थायी टेंट में इलाज किया गया. अन्य को फुटपाथ पर ड्रिप लगाई गई. जबकि हेल्थ वर्कर्स ने टॉर्च की रोशनी में मरीजों को टांके लगाए. 2004 में आया था भयानक भूकंप
भूकंप को राजधानी जकार्ता में करीब 75 किमी (45 मील) दूर महसूस किया गया. कम से कम 2,200 घरों को नुकसान पहुंचा और 5,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. बता दें कि इंडोनेशिया में विनाशकारी भूकंपों का इतिहास रहा है. 2004 में उत्तरी इंडोनेशिया में सुमात्रा द्वीप पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने 14 देशों को प्रभावित किया था. हिंद महासागर के तट पर 226,000 लोग मारे गए थे, इनमें से आधे से अधिक इंडोनेशिया के रहने वाले थे.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







