
SIM बेचते-बेचते आया आइडिया...कॉलेज ड्रॉपआउट बना अरबपति, जानें Oyo फाउंडर Ritesh Agarwal की कहानी!
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OYO आज भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में जाना-पहचाना जाने वाला नाम बन चुका है. कंपनी के नेटवर्क की बात करें तो ये 35 से ज्यादा देशों में 1.5 लाख से ज्यादा होटल्स से जुड़कर काम कर रही है. जिसमें करीब 17,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं.
हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल-टेक कंपनी OYO के फाउंडर और CEO रितेश अग्रवाल इन दिनों चर्चा में हैं. दरअसल, वे अपनी कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से नौकरी मांग रहे हैं. इसके अलावा उनकी गिनती देश के सफल उद्योगपतियों में होती है. 23 वर्ष की उम्र अरबपतियों की लिस्ट में शामिल रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प रही है.
कॉलेज ड्रॉपआउट...SIM बेचकर गुजारा रितेश अग्रवाल की सफतला की कहानी पर गौर करें तो ये एकदम से हालिस नहीं हुई, बल्कि उन्होंने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए जी-तोड़ मेहनत की है. मोबाइल सिम बेचने तक का काम किया है. Ritesh Agarwal का जन्म ओडिशा के Rayagada में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनके परिवार की आर्थिक हालत बेहद अच्छी नहीं थी और एक छोटी से दुकान खर्चा चलाता था. नवंबर 1993 में जन्मे रितेश के माता-पिता उन्हें इंजीनियर बनते देखना चाहते थे, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था.
माता-पिता को सताती थी ये चिंता माता-पिता के सपनों के दूर रितेश अग्रवाल कुछ अलग करना चाहते थे. इस बीच 10वीं की पढ़ाई करने के बाद वे दिल्ली आ गए. उन्होंने राजधानी में अपने खर्चे पूरे करने के लिए मोबाइल सिम बेचने तक का काम किया. इस दौरान आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने कॉलेज में एडमिशन तो लिया, लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं की. ये सब देखकर उनके माता-पिता को यही चिंता सताती रहती थी कि रितेश अपने जीवन में आखिर क्या करेंगे? लेकिन, सिम बेचकर कमाई का स्वाद चखने के बाद उनके दिमाग में अपना कारोबार शुरू करने का जुनून सवार हो गया.
ऐसे हुई अरबपति बनने की शुरुआत Ritesh Agarwal के दिमाग में एक आइडिया आया कि लोग होटलों में कमरे बुक (Online Hotel Room Booking) कराने के लिए जो समय खराब करते हैं, ऑनलाइन बुकिंग के जरिए उनका समय बच सकता है. फिर क्या था साल 2013 में उन्होंने पूरी प्लानिंग की और OREVAL STAYS नाम से एक ऑनलाइन रूम बुकिंग करने की कंपनी खोल दी. इसके जरिए वे ग्राहकों को किफायती दाम पर होटल बुक कराने की सुविधा देने लगे. उनका ये आइडिया काम आया और इस जबरदस्त रिस्पांस मिलने लगा.
24 साल की उम्र में अरबपति इस दौरान रितेश अग्रवाल ने पाया कि कारोबार भले ही आगे बढ़ रहा है, लेकिन कंपनी के नाम से प्रमोशन में दिक्कत पेश आ रही है. इसके बाद उन्होंने OREVAL STAYS का नाम बदलकर OYO Rooms कर दिया. उनका ये एक्सपेरिमेंट काम कर गया और ओयो ने ऐसा कमाल किया कि रितेश बहुत जल्द अमीरों की लिस्ट में आ गए. हुरुन रिच लिस्ट 2020 में OYO के फाउंडर रितेश अग्रवाल को महज 24 साल की उम्र में ही जगह मिल गई थी. 2020 के डाटा के मुताबिक, रितेश अग्रवाल की नेटवर्थ करीब 7200 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
35 देशों में OYO का कारोबार OYO ने ऐसी सफलता पाई की आज ये कंपनी अब 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा वैल्यू वाली फर्म बन चुकी है. ओयो रूम्स (On Your Own room) दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ती होटल चेन है. कंपनी के नेटवर्क की बात करें तो ये 35 से ज्यादा देशों में 1.5 लाख से ज्यादा होटल्स से जुड़कर काम कर रही है. Oyo लोगों को बेहतरीन सुविधाओं के साथ अपना पसंदीदा होटल किफायती कीमत पर बुक कराने की सुविधा देती है.

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