
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध ने बिगाड़े हालात, नेचुरल गैस पर पोलैंड का नया प्लान
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इलेक्ट्रिक कारों का चलन बढ़ने और ग्रीन एनर्जी पर जोर दिए जाने के बाद भी ग्लोबल इकोनॉमी फिलहाल कच्चा तेल पर निर्भर है. ऐसे में रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच पोलैंड नेचुरल गैस की भूमिका पर पुनर्विचार करने का प्लान कर रहा है.
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध ने अब भयानक रूप ले लिया है. गुरुवार को युद्ध का 22वां दिन है और रूस की तरफ से यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी जा रही हैं. इसी बीच पोलैंड, रूस पर ईंधन की निर्भरता से बचने के लिए अब नेचुरल गैस की भूमिका पर पुनर्विचार कर रहा है. एक पोलिश अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी.
यूक्रेन पर रूस के हमले ने यूरोपीय संघ को रूस पर जीवाश्म ईंधन की निर्भरता को कम करने और नए रास्ते तलाशने के लिए मजबूर किया है. अधिकारी ने कहा कि अगर हम कम समय में ऐसा करना चाहते हैं, तो हमें उन योजनाओं पर पुनर्विचार करना होगा जो हमने अतीत में बनाई थीं.
ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के पर्यावरण मंत्रियों की एक बैठक में एडम गुइबॉर्ग- ज़ेटवर्टिन्स्की ने बताया कि पोलैंड की वर्तमान विधायी स्थिति को देखते हुए, यह हमें साफ तौर पर गैस की ज्यादा से ज्यादा खपत की ओर धकेल रहा है. हम इस पर फिर से विचार कर रहे हैं कि हम इस युद्ध के हालातों के दौरान गैस पर अपनी निर्भरता को कैसे कम कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को उम्मीद थी कि नए दौर में गैस से चलने वाले बिजली संयंत्रों की आपूर्ति के लिए पोलिश गैस की मांग में वृद्धि के लिए कोयले का कम उपयोग होगा. किसी भी नई मांग को बड़े पैमाने पर आयात से पूरा किया जाएगा. थिंक टैंक फोरम एनर्जी के अनुसार, रूस लगभग 55% पोलिश गैस आयात, 66% तेल आयात और 75% आयातित कोयले प्रदान करता है.
ऐसे में गैस की भूमिका को कम करना परमाणु ऊर्जा के लिए एक बड़ी भूमिका की शुरुआत कर सकता है.
22वें दिन यूक्रेन पर ताबड़तोड़ 3 हमले

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