
Russia Ukraine war: यूक्रेन की मदद को आगे आया पोलैंड, रूस से जंग में MIG-29 देने को तैयार
AajTak
यूक्रेन की रूस के खिलाफ जंग में 20 देश हथियारों से मदद कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर नाटो यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन और यूरोपीय यूनियन के सदस्य हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का आज 14वां दिन है. बुधवार देर रात पोलैंड यूक्रेन की मदद को आगे आया है. उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका के जरिए पोलैंड यूक्रेन की मदद करेगा. वहीं, विमान देने की पोलैंड की पेशकश पर अमेरिका ने आश्चर्य जताया है.
यूक्रेन को सुरक्षा सहायता पर पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन एफ. किर्बी ने कहा कि हम अब पोलैंड सरकार के संपर्क में हैं. जैसा कि हमने कहा है कि पोलैंड के स्वामित्व वाले विमानों को यूक्रेन में स्थानांतरित करने का निर्णय पोलैंड सरकार का ही है. हम यूक्रेन को चल रही सुरक्षा सहायता के बारे में अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ परामर्श करना जारी रखेंगे, क्योंकि वास्तव में पोलैंड का प्रस्ताव इस मुद्दे की कुछ जटिलताओं को दर्शाता है. हम इस मुद्दे के बारे में पोलैंड और हमारे अन्य नाटो सहयोगियों के साथ परामर्श करना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि हम रूस को कठिन चुनौती देंगे लेकिन हमें विश्वास नहीं है कि पोलैंड का प्रस्ताव उचित है.
इससे पहले खबर आई थी कि पोलैंड अमेरिका को MIG-29 जेट का स्टॉक मुफ्त में सौंपेगा. इसके बाद विमानों को यूक्रेन भेजे जाने की उम्मीद है. पोलैंड का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार नाटो की खिंचाई कर रहे हैं. यूक्रेन में नाटो का 'नो फ्लाई जोन' न बनाए जाने पर खुलकर नाराजगी जता रहे हैं.
जेट को सौंपे जाने के फैसले के साथ ही पोलैंड सरकार ने अन्य नाटो देशों को अपने फैसले का उदाहरण देते हुए यूक्रेन की मदद के लिए आगे आने को कहा है.
रूस के राष्ट्रपति ने दी थी धमकी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने हाल में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) देशों को खुली धमकी देते हुए कहा था कि अगर यूक्रेन को हथियार दिए तो फिर अच्छा नहीं होगा.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






