
Russia-Ukraine War: 'अब यूक्रेन पर हमले बंद किए जाएं', आपात सत्र में UNGA की दो टूक
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Russia-Ukraine War: यूक्रेन रूस के हमलों से थर्रा रहा है. इसी बीच सोमवार को UNGA ने स्पेशल सत्र बुलाया गया. इसमें कहा सभी पक्षों को लड़ाई रोकने के लिए कहा गया. साथ ही इस बात पर जोर दिया गया है कि इस मसले का हल सिर्फ बातचीत से ही संभव है.
Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस अभी युद्ध लड़ रहे हैं. इसमें रूस लगातार यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. हालात काफी भयावह होते जा रहे हैं. इसमें बेगुनाहों की मौतें हो रही हैं. घर, मोहल्ले से लेकर शहर तबाह हो रहे हैं. रूसी सेना अब कीव की सड़कों पर उतर आई है. जंग के ऐसे हालातों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) की ओर से सोमवार को एक आपात बैठक बुलाई गई. इसमें साफ शब्दों में कहा गया कि इस मसले पर सभी पक्ष तुरंत लड़ाई रोक दें.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.









