Resident Doctors' Strike: जिन्हें देवदूत बताया, उन डॉक्टरों के साथ क्यों हुई बदसलूकी? जानें पूरा मामला
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देश की राजधानी दिल्ली में कई सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर पिछले 12 दिन से हड़ताल पर हैं. ये वो डॉक्टर हैं, जिन्होंने डोनेशन देकर नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा के दम पर MBBS की सीट और डिग्री हासिल की. ये वो डॉक्टर हैं जो सरकारी अस्पतालों में गरीब जनता, आम आदमी का इलाज करते हैं. कोरोना काल में इन्हीं डॉक्टरों को देवदूत बताया गया और इन पर फूल बरसाए गए. लेकिन अब यही डॉक्टर प्रदर्शन करने को लाचार हैं. बताया जा रहा है कि पुलिस और डॉक्टर की पहली झड़प दिल्ली में ITO के पास हुई. उसके बाद जब सफदरजंग अस्पताल से बड़ी संख्या में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के घर की ओर बढ़ रहे थे तब दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया. आखिर डॉक्टरों को हड़ताल की जरुरत क्यूं पड़ी है? देखें इस वीडियो में.
पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत में हो रहे आम चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाक में सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तभी बेहतर होंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाक में भारत को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन वहां (भारत) वो पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है.