
Ratan Tata Death: कौन संभालेगा टाटा के 34 लाख करोड़ का साम्राज्य? मिलिए Tata Group के फ्यूचर लीडर्स से
AajTak
Ratan Tata Passes Away: 86 साल की उम्र में रतन टाटा का निधन और बिना किसी संतान के होने से उनके उत्तराधिकार को लेकर बहुत चर्चा है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि करीब 34 लाख करोड़ रुपये के विशाल टाटा समूह के कारोबारी साम्राज्य के मैनेजमेंट में उनकी जगह कौन लेगा?
भारत के दिग्गज उद्योगपति और दरियादिल इंसान रतन टाटा (Ratan Tata) ने बुधवार रात 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा ने अपने जीवन में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की थीं. टाटा ग्रुप को इंटरनेशनल बनाने में Ratan Tata की बड़ी भूमिका रही. Ratan Tata ने 74 साल की उम्र में साल 2012 में रिटायरमेंट ले लिया था. रतन टाटा 20 साल तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और आम लोगों से लेकर देश की तरक्की के लिए कई बड़े-बड़े काम किए.
रतन टाटा की 86 साल की उम्र में निधन और बिना किसी संतान के होने से, रतन टाटा के उत्तराधिकार को लेकर काफी अटकलें हैं. सबसे बड़ा सवाल ये है कि करीब 34 लाख करोड़ रुपये के विशाल टाटा समूह के व्यापारिक साम्राज्य के मैनेजमेंट में उनकी जगह कौन लेगा? टाटा ग्रुप की सभी 29 कंपनियों का कुल मार्केट कैप देखें तो 20 अगस्त, 2024 तक करीब 403 अरब डॉलर (33.7 लाख करोड़ रुपये) बताई जाती है. हालांकि Tata Group में उत्तराधिकार योजना अच्छी तरह से बनी हुई है.
टाटा समूह की उत्तराधिकार योजना टाटा ग्रुप ने पहले ही उत्तराधिकार की योजना तैयार कर ली थी. एन चंद्रशेखरन 2017 से होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. परिवार के अन्य सदस्य व्यवसाय के अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं. वहीं फ्यूचर के लीडरशिप के लिए संभावित उम्मीदवार हैं. आगे चलकर अलग-अलग कारोबार को लेकर इन्हीं द्वारा लीडरशिप की भूमिका निभाने की उम्मीद है.
अभी कौन क्या संभालता है कारोबार?
जिम्मी टाटा: जिम्मी टाटा रतन टाटा के सगे भाई हैं. रतन टाटा की तरह जिमी टाटा भी कुंवारे हैं, लेकिन वह हमेशा सुर्खियों से दूर रहते हैं. जिमी टाटा ने 90 के दशक में रिटायर होने से पहले टाटा की विभिन्न कंपनियों में काम किया. वह टाटा संस और कई अन्य टाटा कंपनियों में शेयरधारक हैं.
नोएल टाटा: नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. यह रिश्ता नोएल टाटा को टाटा की विरासत के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में स्थापित करता है. नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं - माया, नेविल और लीह टाटा जो समूह के संभावित उत्तराधिकारी हो सकते हैं. ये टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं और टाटा समूह की कई कंपनियों में शामिल हैं.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








