PM कोई भी हो पाकिस्तान में सेना ही 'सरकार'... फौजी बूटों से कुचलता रहा है लोकतंत्र
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पाकिस्तान के बारे में कहा जाता है कि वहां सेना और सत्ता एक सिक्के के दो पहलू हैं. यही वजह है कि सेना में सत्ता और सत्ता में सेना की झलक दिख ही जाती है. पाकिस्तान मे ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ, जो सेना के साए में ना हुआ हो.
पाकिस्तान की गाड़ी हमेशा की तरह अस्थिरता के गियर में फंसी हुई है. सेना के साए में आठ फरवरी को चुनाव हुए. अब नतीजे सबके सामने हैं. किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर लगे बैन के बाद पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा सीटें जीतकर इतिहास रचा है. पहली बार ऐसा हुआ है कि निर्दलीय उम्मीदवार इतनी बड़ी तादाद में जीते हैं. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बावजूद इमरान की पीटीआई और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) दोनों पार्टियों ने सरकार बनाने का दावा किया है.
इस बार सत्ता की लड़ाई दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बीच है. कभी सेना के 'फेवरेट बॉय' रहे इमरान खान अब उनकी आंखों की किरकिरी बन चुके हैं. इमरान की पार्टी पर बैन लगाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया. यही वजह थी कि उनके पार्टी के उम्मीदवारों को निर्दलीयों के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने को मजबूर होना पड़ा.
पाकिस्तानी सेना ने इस बार नवाज शरीफ पर दांव लगाया था. इसका लेआउट तैयार होते ही पिछले साल आनन-फानन में नवाज शरीफ को लंदन से पाकिस्तान वापस बुलाया गया. उन पर लगे भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों को रद्द कर दिया गया और उन पर लगी चुनावी रोक भी हटाई गई.
इस तरह से पाकिस्तान की सेना ही तय करती है कि सत्ता की कुर्सी पर किसे बैठाना है और किसे बेदखल करना है? ऐसे में सोचना लाजिमी है कि लोकतांत्रिक पाकिस्तान में सेना के पास इतनी ताकत कहां से आई? पाकिस्तानी सेना का कद इतना कैसे बढ़ा कि उसने सियासत तक में पैठ जमा ली? और सबसे जरूरी बात कि 1947 में अस्तित्व में आई पाकिस्तान की सेना भारत की सेना से इतनी अलग कैसे है कि वह राजनीति में इतनी गहराई तक रच-बस गई है?
पाकिस्तान के बारे में कहा जाता है कि वहां सेना और सत्ता एक सिक्के के दो पहलू हैं. यही वजह है कि सेना में सत्ता और सत्ता में सेना की झलक दिख ही जाती है. पाकिस्तान में ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ, जो सेना के साए में ना हुआ हो.
भारत और पाकिस्तान की सेनाओं में क्यों हैं अंतर?