PK को क्यों नहीं चाहिए कांग्रेस का ‘हाथ’, क्या कांग्रेस में होगा बदलाव?
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संदेह की आंच में काठ की मटकी पकने से पहले सुलग गई. प्रशांत किशोर कांग्रेस के दरवाजे से आते-आते लौट गए. घंटों बातें कीं. कितने ही कागज बनाए दिखाए. कितने सपने अपनी प्रस्तुतियों में उकेरे. कांग्रेस बहुत ध्यान से उनकी बातों को सुनती-बुनती रही. ऐसा लगा कि शायद कांग्रेस अब अच्छे दिन की आस को पीके के पास संजोकर आगे बढ़ेगी. लेकिन फिर बाना बनने से पहले ताना टूट गया. पीके कांग्रेस ज्वाइन करने से पलट गए. और जाते जाते उन्होंने अपनी टीस की कील कांग्रेस के कलेजे में ठोक दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मेरी नहीं, नेतृत्व की जरूरत है. बिना नेतृत्व की पार्टी अपने कुनबे को कैसे संभालेगी और टूटी-दरकती दीवारों की मरम्मत कैसे करेगी, ये सवाल अपनी विदाई की घोषणा करते हुए पीके ने अपने ट्वीट में व्यक्त कर दिए. प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच पिछले कुछ दिनों से लगातार बैठकों का दौर चल रहा था. ये चर्चा भी आम हो गई थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे.
RSS नेता इंद्रेश कुमार ने जयपुर के पास कानोता में 'रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह' को संबोधित किया. उन्होंने कहा, जिस पार्टी ने (भगवान राम की) भक्ति की, लेकिन अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया गया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया गया. उन्होंने स्पष्ट रूप से इंडिया ब्लॉक का जिक्र करते हुए कहा, और जिनकी राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें एक साथ 234 पर रोक दिया गया.
ठाकरे और राउत पर पार्टी के मुखपत्र सामना में एक लेख प्रकाशित करने के लिए शेवाले द्वारा दायर मानहानि की शिकायत है. शिकायत की कार्यवाही मझगांव मजिस्ट्रेट अदालत में चल रही है. कार्यवाही के दौरान, मजिस्ट्रेट अदालत ने दोनों को मामले से मुक्त करने से इनकार कर दिया था और यह आदेश 26 अक्टूबर, 2023 को पारित किया गया था.
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