Pitru Paksha 2021: प्रेतशिला से निकल कर पिंडदान ग्रहण करने आते हैं पूर्वज, जानें इस स्थान का रहस्य
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Gaya significance: पितृपक्ष (Pitru Paksha 2021) में पूर्वजों की आत्मा की शांति पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. प्रेत शिला वेदी पर भगवान विष्णुजी के चरण चिह्न बने हुए हैं. ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान प्रेत शिला की छिद्रों और दरारों से प्रेतात्माएं बाहर निकलती हैं और अपने परिजनों द्वारा किए गए पिंडदान को स्वीकार कर वापस चली जाती हैं.
Pitru Paksha 2021 Gaya Shraddh: हिंदू धर्म में पिंडदान मोक्ष प्राप्ति का एक सहज और सरल मार्ग माना जाता है. पितृपक्ष (Pitru Paksha 2021) में पूर्वजों की आत्मा की शांति पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. कई पितृपक्ष में पिंडदान के लिए कई जगहें प्रसिद्ध हैं लेकिन गया में पिंडदान का खास महत्व है. कहा जाता है कि भगवान राम और सीताजी ने भी राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए गया में ही पिंडदान किया था. गया में पिंडदान के लिए हर साल देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं. गया में स्थापित प्रेतशिला (Pretshila in Gaya) का पूर्वजों की आत्मा से विशेष संबंध है.
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