Pakistan Crisis: पाकिस्तान का क्या होगा? 130 अरब डॉलर का कर्ज, मददगार भी फेरने लगे मुंह...बचा है बस ये उपाय!
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Pakistan Crisis Update: कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को अब मदद के लिए सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से ही आस बची है, लेकिन IMF ने शहबाज शरीफ सरकार से ग्रेड 17 और इससे ऊपर की रैंक के सरकारी अफसरों और उनके परिवार की संपत्ति की डिटेल साझा करने की मांग रखी है.
अपने इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) के हालात सुधरते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Pak Forex Reserves) हर बीतते दिन के साथ खत्म होता जा रहा है और डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकार के पास सीमित उपाय ही बचे हैं. इनमें से एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद है. हालांकि, IMF कंगाल पाकिस्तान को लोन देने के लिए ऐसी शर्तें लगाई हैं, जिनसे देश में उथल-पुथल का माहौल है. वैश्विक निकाय जल्द शर्तों की फाइनल लिस्ट जारी कर सकता है.
IMF ने कर्ज के लिए रखी ये बड़ी शर्त एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सबसे बड़ा आर्थिक संकट (Economic Crisis) में फंसे पाकिस्तान को मदद देने के लिए जो शर्तें रखी हैं, वो देश के सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है. दरअसल, IMF ने शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की सरकार से ग्रेड 17 और इससे ऊपर की रैंक के सरकारी अफसरों की संपत्ति की डिटेल साझा करने की मांग रखी है. यही नहीं इन सभी अफसरों के अलावा इनके परिवार की संपत्ति की डिटेल भी मांगी गई है.
बाजवा समेत कई उदाहरण मौजूद Pakistan में बीते कुछ समय में ऐसे कई आंकड़े सामने आ चुके हैं कि कंगाल देश के नेता-अफसर और उनका परिवार मालामाल हो रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण, पाकिस्तान सेना के पूर्व चीफ जनरल कमर जावेज बाजवा भी रहे हैं, जिनके कार्यकाल में न केवल उनकी, बल्कि उनके परिवार की संपत्ति में ऐसा इजाफा हुआ कि सुर्खियां बन गया. बाजवा की बहू महनूर साबिर तो अपनी शादी से मजह नौ दिन पहले ही अरबपति बन गई थीं. सिर्फ बाजवा ही नहीं, पाकिस्तानी नेताओं की संपत्ति भी चर्चा का विषय रही है. ऐसे में अगर पाकिस्तान सरकार IMF की इस शर्त को मानती है, तो बड़े चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
दो दिन में लेना है फैसला पाकिस्तान को मदद देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा रखी गई शर्त को लेकर शहबाज सरकार बातचीत के दौर में है और उसे दो दिन के भीतर फैसला लेना है. रिपोर्ट की मानें को इसे फाइनल करने के लिए IMF की ओर से 9 फरवरी 2023 की तारीख तय की गई है. खुद को संकट से उबारने के लिए फिलहाल पाकिस्तान की पूरी उम्मीद IMF पर ही टिकी हुई है, क्योंकि उसने कई देशों के सामने अपने हाथ फैलाए हैं लेकिन हर ओर से उसे निराशा ही हाथ लगी है.
विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म पाकिस्तान में महंगाई (Pakistan Inflation) आसमान पर है और लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserves) की बात करें तो वो हर बीतते दिन के साथ खत्म होता जा रहा है. बीते 4 फरवरी को देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर महज 3.08 अरब डॉलर रह गया था. इसे दूसरे शब्दों में समझें तो बदहाल पाकिस्तान के खजाने में हफ्तेभर से भी कम समय के गुजारे लायक रकम बची है. जरूरी सामानों का आयात न कर पाने के चलते देश में आटा-दाल-चावल-दूध से लेकर चिकन, गैस, दवाओं जैसी चीजों की किल्लत गहरा गई है. लोग खाने के लिए लोग मारमारी कर रहे हैं.
कर्ज तले दबा है पाकिस्तान पाकिस्तान में इतने बुरे हालात एकदम से नहीं बने हैं, बल्कि प्राकृतिक आपदा, कर्ज का बोझ और सरकारी लापरवाही के चलते ये स्थिति पैदा हो गई है कि देश की जनता को खाने के भी लाले पड़ गए हैं. बीते साल आई विकराल बाढ़ ने देश की सूरत को बिगाड़ दिया था और जान-माल के साथ भारी-भरकम आर्थिक नुकसान कराया था. वहीं करीब 130 अरब डॉलर के कर्ज तले दबे देश में खाली होते सरकारी खजाने के चलते और कर्ज लेने की जरूरत पैदा हो गई. बता दें पाकिस्तान पर चीन, यूएई समेत कई देशों का कर्झ है.
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