NCW ने दिल्ली के अस्पताल में कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर पुलिस को नोटिस जारी किया
AajTak
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने शनिवार को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में स्थित एक सरकारी अस्पताल में कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं की निंदा की. आयोग ने मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने शनिवार को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में स्थित एक सरकारी अस्पताल में कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं की निंदा की. आयोग ने मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
पुलिस से मामले में नामजद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की गई है. उत्तरी दिल्ली के उपायुक्त या पुलिस को अगले दो दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट और एफआईआर की एक प्रति आयोग को सौंपने का निर्देश दिया गया है. पुलिस का कहना है कि सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में चार आरोपियों पर आईपीसी की धारा 323, 354, 506, 509 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
जानकारी के मुताबिक, बुराड़ी के सरकारी अस्पताल में मल्टीटास्किंग मैनपावर सप्लाई के लिए कॉन्ट्रैक्टिंग फर्म ग्लोबल वेंचर के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. आरोपियों की पहचान कंपनी के मैनेजर राजकुमार और तीन सुपरवाइजर नीरज, आदर्श और दीपक के रूप में हुई है.
NCW ने नोटिस में कहा, राष्ट्रीय महिला आयोग बुराड़ी अस्पताल में कथित यौन उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता है. हम आरोपी नीरज और राजकुमार की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग करते हैं.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.