Nagaenthran Dharmalingam: कौन है वो भारतीय मूल का मलेशियाई, जिसे सिंगापुर में हुई फांसी, जांघ में बांध रखी थी हेरोइन
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Nagaenthran Dharmalingam: भारतीय मूल के मलेशियाई नागरिक नागेंद्रन धर्मांलिंगम को 2009 में हेरोइन के साथ पकड़ा गया था. उनके मामले की सुनवाई अदालतों में 13 साल तक चली. 27 अप्रैल को उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया.
Nagaenthran Dharmalingam: सिंगापुर में नागेंद्रन धर्मालिंगम को फांसी दिए जाने पर विरोध शुरू हो गया. नागेंद्रन भारतीय मूल के थे और मलेशिया में जन्मे थे. उन्हें 2009 में ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के 13 साल बाद उन्हें बुधवार को फांसी पर चढ़ा दिया गया. नागेंद्रन मानसिक रूप से कमजोर थे और उनका आईक्यू लेवल सिर्फ 69 था. 34 साल के नागेंद्रन को नवंबर 2010 में फांसी की सजा सुनाई गई थी.
नागेंद्रन धर्मांलिंगम का जन्म 13 सितंबर 1988 को मलेशिया की राजधानी इपोह में हुआ था. उनके दो छोटे भाई और एक बड़ी बहन हैं. उनकी मां ने उनकी फांसी की सजा को बदलने के लिए तमाम अदालतों के चक्कर काटे, लेकिन सिंगापुर की हर कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी.
धर्मांलिगम के पास से 42.72 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी. सिंगापुर में 15 ग्राम से ज्यादा हेरोइन के साथ पकड़े जाने पर फांसी की सजा का प्रावधान है.
कैसे पकड़े गए थे धर्मांलिंगम?
22 अप्रैल 2009 को धर्मांलिंगम मलेशिया से सिंगापुर आए थे. तब उनकी उम्र 21 साल थी. उनकी जांघ पर हेरोइन के बंडल बंधे हुए थे. इसकी मात्रा 42.72 ग्राम थी. उन्हें चेकप्वॉइंट पर पकड़ लिया गया था. धर्मांलिंगम के साथ उनके एक और साथी कुमारसेन को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया.
पूछताछ में धर्मांलिंगम ने ड्रग्स लेकर आने की बात कबूल की थी. हालांकि, उसका ये भी दावा था कि उसे उसके चीनी दोस्त ने फंसाया है. उसे वो 'किंग' कहता था. धर्मांलिंगम का कहना था कि उसे धमकी दी गई थी कि अगर उसने ये काम नहीं किया तो उसकी गर्लफ्रेंड को मार देंगे. साथ ही उसने ये भी बताया था कि उसके पिता की हार्ट सर्जरी और अपना कर्जा उतारने के लिए उसे पैसों की जरूरत थी, इसलिए उसने ये किया.