Maharashtra: फडणवीस का दिल बड़ा लेकिन पद छोटा, आखिर क्यों संभाली उपमुख्यमंत्री की कमान?
AajTak
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे में जितना बड़ा सरप्राइज एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री बनना था. उससे भी बड़ा सरप्राइज देवेंद्र फडणवीस का उपमुख्यमंत्री बनना रहा. जिन्हें कल तक अगला मुख्यमंत्री माना जा रहा था लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार में शामिल होने से ही इंकार कर दिया लेकिन फिर बीजेपी आलाकमान के कहने पर उन्होंने शॉर्ट नोटिस पर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली तो क्या देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री ना बनने के फैसले से नाराज थे? और अगर थे तो फिर उपमुख्यमंत्री बनने के लिए मान कैसे गए? देखें .

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










