Lucknow: MBBS छात्र का हाथ बाजू से हो गया था अलग, 9 घंटे तक हुई सर्जरी में डॉक्टरों ने जोड़ा
AajTak
Lucknow News: मेदांता अस्पताल (medanta hospital lucknow) के डॉक्टरों ने नौ घंटे तक चली सर्जरी के बाद एमबीबीएस के छात्र का कटा हुआ हाथ बाजू से जोड़ दिया.
राजधानी लखनऊ में 21 वर्षीय एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र का दाहिना हाथ एक सड़क दुर्घटना में बाजू से कट गया था गया था. उसे लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्टरों ने ना केवल उसका हाथ बाजू से जोड़ा बल्कि उसकी हड्डी की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी भी की.
डॉक्टर वैभव खन्ना ने बताया कि 5 जुलाई को लखनऊ के मोहान रोड पर एक भीषण सड़क हादसा हो गया था, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी, वहीं सौरभ कुंडू गंभीर रूप से घायल हो गए थे. वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. सौरभ को जब मेदांता हॉस्पिटल लाया गया तो उसका दाहिना हाथ केवल एक नर्व से लटक रहा था. साथ ही उसे फैंसी मैक्सिलरी इंजरी भी थी. डॉ वैभव खन्ना ने बताया कि सौरभ के अपर लिंब की पूरे नौ घंटे तक लंबी सर्जरी चली. जिसमें एनेस्थीसिया की टीम ने सभी नर्वोवेस्कुलर स्ट्रक्चर और सॉफ्ट टिश्यूज को रिकंस्ट्रक्ट किया.
वहीं वैस्कुलराइजेशन के लिए सीने से मांसपेशी का एक फ्लैप ट्रांसप्लांट कर हाथ की मसल्स को रिपेयर किया गया. टूटी हुई ह्यूमर को जोड़न के लिए आर्थोपेडिक टीम ने इंटरनल बोन फिक्सेशन करने का निर्णय लिया और ऑपरेशन के बाद मरीज को आइसीयू में शिफ्ट किया गया. डॉ वैभव ने यह भी बताया कि मरीज के हाथों में ऑपरेशन के बाद से ही मूवमेंट आने लगा था और अब सौरभ का अपर लिंब यानी दाहिना हाथ अच्छी तरह से रिकवर कर रहा है और वैस्कुलराइज्ड और स्टेबल हो गया है.
इतने जटिल प्रोसेस के बाद भी सौरभ के अपर लिंब अच्छे से ठीक हो गया है, जिसके चलते ऑपरेशन के महज 10 ही दिन में अपर लिंब के वैस्कुलराइजेशन, मूवमेंट और सेंसेशन के वापस आने से सौरभ बेहद खुश है.
इन बातों का रखें ध्यान:
प्लास्टिक सर्जन डॉ वैभव ने आम जनमानस से अपील भी की और जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी भी वजह से मरीज के शरीर का कोई भी अंग कटकर अलग हो जाता है तो उसके परिजन या साथ में मौजूद लोग अगर थोड़ी सी जागरूकता दिखाते हैं तो मरीज के अंगों को सही तरह से रिकंस्ट्रक्ट किया जा सकता है.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.