
India Today South Conclave 2021: एस. जयशंकर बोले, धार्मिक पुस्तक पर हाथ रखकर शपथ लेने वाले लोग हम पर सवाल ना उठाएं
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'इंडिया टुडे साउथ कॉन्क्लेव 2010' में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन से तनाव, भारतीय लोकतंत्र में आई गिरावट, क्वॉड की बैठक समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को एक मजबूत नेता भी बताया और कहा कि वे फ्रंटफुट पर आकर नेतृत्व करते हैं.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'इंडिया टुडे साउथ कॉन्क्लेव 2021' में इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से तमाम मुद्दों पर विस्तार से बात की. एस. जयशंकर ने भारतीय लोकतंत्र की वैश्विक रैंकिंग में गिरावट, पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की टिप्पणी से लेकर चीन, क्वॉड और श्रीलंका तक पर बात की. विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को एक मजबूत नेता भी बताया. पीएम मोदी को लेकर जयशंकर ने कहा कि वे फ्रंटफुट पर आकर नेतृत्व करते हैं और यह बहुत जरूरी है. इसी क्रम में जयशंकर ने जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल का नाम लिया. जयशंकर ने कहा कि अमेरिका में चुनाव के दौरान भी यह मुद्दा छाया रहा कि क्या हम एक मजबूत नेतृत्व के हाथ में कमान सौंप रहे हैं. If you extend your hand, we will extend our hand but if you point a gun at us, we will do the same: @DrSJaishankar on the relationship with #China. Watch the conversation with @rahulkanwal Full coverage: https://t.co/yv8Uf6ILo1 Live: https://t.co/9nr64mAmjW#ConclaveSouth21 pic.twitter.com/aU54CcuGUz External Affairs Minister @DrSJaishankar shares his views on the recently concluded Quad summit. Full coverage: https://t.co/yv8Uf6ILo1 Watch Live: https://t.co/9nr64mAmjW#ConclaveSouth21 | @rahulkanwal pic.twitter.com/u1OtftZ68j राहुल कंवल ने पूछा कि एस. जयशंकर के विदेश मंत्री बनने के बाद पिछले दो सालों में भारत की विदेश नीति के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है? पिछले दो सालों भारत की विदेश नीति में क्या बड़ा बदलाव आया है? इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि यह सवाल बहुत पर्सनलाइज करने वाला सवाल है. विदेश मंत्री ने कहा, ''मुझे यह कहने में ठीक नहीं लगता है कि यह काम मैंने किया है और यह मेरी उपलब्धि है. अगर मैं अपने बारे में कहना चाहूं तो कह सकता हूं कि हां, मैंने ये काम किया है. विदेश नीति को आप व्यापक पैमाने पर देखें तो हम प्रधानमंत्री के विजन पर काम कर रहे हैं. विदेश नीति एक टीम वर्क है."
आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







