India @100: बदल जाएगा संविधान, 2047 में भारत होगा हिन्दू राष्ट्र? शशि थरूर ने दिया ये जवाब
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भारत ने हाल ही में अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मनाया है. 2047 में जब भारत आजादी की 100वीं सालगिरह मना रहा होगा, तो क्या वह हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा? संविधान को बदल दिया जाएगा? कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने Business Today India @ 100 पर इसे लेकर अहम बात कही. साथ ही Uniform Civil Code को लेकर भी अपनी राय रखी.
क्या भारत 2047 तक एक हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा, जिसका एक नया संविधान भी होगा? कांग्रेस नेता शशि थरूर से Business Today India @ 100 सम्मेलन में जब इस बाबत सवाल किया गया, तो उन्होंने खुलकर इसका जवाब दिया. वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी उन्होंने अपनी राय रखी.
आसान नहीं होगा नया संविधान बनाना
शशि थरूर ने कहा कि अभी हमारा जो संविधान है, वो धर्म, जाति, लिंग, जन्म, भाषा और रंग इत्यादि के आधार पर हमको विभाजित नहीं करता है. बल्कि सभी को समानता के साथ-साथ अपने धर्म को मानने और उसका प्रचार-प्रसार करने का भी अधिकार देता है. लेकिन आज जो अपने आप को हिंदुत्ववादी बताते हैं, वो इस संविधान को दरकिनार कर देते हैं. उनके हिसाब से भारत हमेशा से एक हिन्दू राष्ट्र (Hindu State) है, और इस धरती पर आने वाला कोई अन्य व्यक्ति जो हिन्दू नहीं है, वो या तो मेहमान है या फिर आक्रांता है. उनका मूल विश्वास है कि इन लोगों को इस देश से खदेड़ देना है या फिर उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रखना है.
शशि थरूर ने कहा कि संघ परिवार की हिंदुत्व की विचारधारा में समय के साथ थोड़ा परिवर्तन आया है. लेकिन मूल विचार यही है कि जो इस धरा से संबंधित नहीं, उसे यहां से चले जाना चाहिए. ऐसे में जिन धर्मों के लोगों का मूल भारत नहीं है, हिंदुत्व की ये विचारधारा उन्हें यहां से बहिष्कृत कर देती है या उन्हें हिंदुओं द्वारा बताए जाने वाले नियमों पर निर्भर बना देती है. इसी से उन पर दबाव बनता है कि वो खुद को हिंदू मुस्लिम या हिंदू ईसाई बताएं. ऐसे में मेरे हिसाब से हम अभी इस दिशा में जाना शुरू कर चुके हैं.
रही बात नया संविधान बनाने की, तो शशि थरूर को नहीं लगता कि ये इतना आसान होगा. बल्कि आसान रास्ता ये होगा कि सरकार इसके कुछ प्रावधानों को नजरअंदाज कर दे. जैसे कि ऐसी व्यवस्था बन जाए जहां एक प्रधानमंत्री अयोध्या मंदिर का भूमि पूजन कर सके, या संसद की नई इमारत के लिए भूमि पूजन कराया जाए.
भारत हजारों साल से सेक्यूलर समाज
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