
Imran Khan Case: जब नवाज शरीफ के समर्थकों ने बोला था SC पर हमला, जान बचाकर भागे थे चीफ जस्टिस
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पाकिस्तान में इमरान खान को लेकर शहबाज शरीफ सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच मामला गरमाया हुआ है. पाकिस्तान की सरकार सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना देने जा रही है. इस खबर से साल 1997 का वो मामला याद आता है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समर्थकों ने अदालत पर हमला बोल दिया था.
पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी और उनकी जमानत को लेकर मची राजनीतिक उठापटक के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में सत्ताधारी PDM सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना दे रही है. शहबाज शरीफ की सरकार का मानना है कि भ्रष्टाचार मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी को गैर-कानून बताने वाली सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस उमर अता बांदियाल खान के पक्ष में फैसले दे रहे हैं.
यह कोई पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच ठनी हो बल्कि 26 साल पहले भी ऐसा ही एक वाकया हुआ था जिसमें चीफ जस्टिस समेत सुप्रीम कोर्ट के जजों को अपनी जान बचाने के लिए कोर्ट से भागना पड़ा था.
हुआ ये कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर अदालत की अवमानना का मामला चल रहा था और तभी पीएमएल-एन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अदालत पर हमला बोल दिया. क्या हुआ था 26 साल पहले?
वाकया नवंबर 1997 का है जब पाकिस्तान में नवाज शरीफ को दूसरी बार प्रधानमंत्री चुनकर आए बस कुछ ही महीने हुए थे. नवाज शरीफ ने सरकार में आने के साथ ही देश में सुधार के लिए कई बड़े बदलाव किए. उन्होंने आतंकवादियों पर नकेल कसने के मकसद से स्पेशल एंटी टेररिज्म अदालतें बनाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने संसद से आतंकवाद विरोधी कानून पास करा लिया.
लेकिन इस एक्ट में एक दिक्कत ये थी कि ये स्पेशल अदालतें सुप्रीम कोर्ट के तहत नहीं आती थीं. यानी इन अदालतों के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती थी. इससे यह खतरा बढ़ गया कि ये अदालतें सियासी फायदे के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं. इसे देखते हुए चीफ जस्टिस सज्जाद अली ने इन अदालतों को गैर-कानूनी करार दे दिया.
इस बात को लेकर पाकिस्तान की सरकार और सुप्रीम कोर्ट में ठन गई. सुप्रीम कोर्ट में नए जजों की नियुक्ति को लेकर दोनों पक्षों का तनाव और बढ़ गया.

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