
Hijab controversy: 74 दिन का विवाद...11 दिन सुनवाई और 129 पेज का फैसला, जानें 5 बड़े सवालों के जवाब
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Hijab Row: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है. अदालत ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए मुस्लिम छात्राओं की खाचिकाएं खारिज कर दी. अदालत ने इसके साथ ही राज्य में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध बरकरार रखा है.
Hijab Row: ढाई महीने से चल रहे कर्नाटक के हिजाब विवाद में हाईकोर्ट में मंगलवार को फैसला सुना दिया. अब यह विवाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. दरअसल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब ना इस्लामिक आस्था के मुताबिक अनिवार्य प्रथा है, ना ही ये अधिकार है. अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि इस्लाम में जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं, उनको पापी नहीं बताया गया है.
हाईकोर्ट का फैसला आते ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इसे मुसलमानों के लिए हानिकारक बताते हुए कहा कि इसका धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रभाव पड़ता है. जबकि कर्नाटक हाईकोर्ट के 129 पेज के फैसले में हिजाब को लेकर कुरान मजीद और हदीस के आधार पर अपने निर्णय को तर्क, न्याय और विधि सम्मत बताया है और कहा है कि इन्हीं धार्मिक पुस्तकों में हिजाब पहनने को लेकर सिर्फ सिफारिश की गई है, अनिवार्यता नहीं रखी गई है, तो सवाल है कि क्या छात्राएं अब भी फैसला खारिज करेंगी?
आज अपना फैसला सुनाने के दौरान हाईकोर्ट में तीन जजों की पीठ ने यह भी कहा कि इस पूरे हिजाब विवाद में कुछ अनदेखे यानी छिपे हुए तत्व हैं, जिन्हें पहचान करके कार्रवाई करनी जरूरी है. सबसे बड़ी चिंता की बात यही है, क्योंकि ऐसे तत्वों के कारण ही हिजाब विवाद में मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा हाशिए पर पहुंच रही है.
जनवरी के महीने में कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद कर्नाटक हाईकोर्ट से आए फैसले के बाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. तीन महीने से चल रहे इस मुद्दे में छात्राएं शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहन सकती हैं या नहीं, इससे ज्यादा विवाद इस बात पर शुरू हो गया कि हिजाब इस्लाम में अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा है या नहीं?
विवाद अब इस बात पर बढ़ रहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखल दी जा रही है. इस विवाद में अब ये मोड़ भी आ गया है कि जानबूझकर इस्लामिक परंपराओं को पूरा करने से रोका जा रहा है, इसीलिए आपको आज समझना जरूरी है कि हिजाब का विवाद यहां तक कैसे पहुंच गया?
पहला सवाल: हिजाब विवाद में लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला क्या है ?

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