Hamirpur: हमीरपुर में बड़े मार्जिन से जीती थी BJP, क्या 2022 में दोहरा पाएगी वही प्रदर्शन?
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Hamirpur District Profile: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले 'आजतक' आपके लिए हर जिले की सियासी तस्वीर सामने ला रहा है. इस विशेष सीरीज की कड़ी में आज पढ़िए कि हमीरपुर में पिछले 2 विधानसभा चुनावों में क्या समीकरण रहे थे और साथ में जानिए वे कौन-से स्थानीय मुद्दे हैं, जिन पर नहीं हुआ है काम...
Hamirpur District Profile: बुंदेलखंड का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला हमीरपुर जिला सियासी मायनों में बीजेपी के लिए काफी खास है. पिछले विधानसभा चुनाव में हमीरपुर की जनता ने बीजेपी को एकतरफा जीत दी थी. बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. इतना ही नहीं, बीजेपी के दोनों उम्मीदवार बड़े अंतर से चुनाव जीते थे. बीजेपी की मनीषा अनुरागी ने 1,04,643 वोटों के विशाल अंतर से राठ विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी.
मुंबई की उत्तर पश्चिम सीट की मतगणना के दौरान अनियमितता के आरोप लगे हैं. दरअसल उत्तर पश्चिम मुंबई सीट पर उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार मात्र 48 वोटों से हारे हैं. उनका आरोप है कि गिनती में धांधली हो गई. ठाकरे की पार्टी की शिकायत पर EC ने मुकदमा भी दर्ज करा दिया और अब उसकी जांच जारी है. लेकिन उद्धव गुट अब कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा है.
राहुल गांधी जब 2019 में गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी में बीजेपी के स्मृति ईरानी से हार गए थे, तब वायनाड ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनकर भारत की संसद में भेजा था. फिर राहुल ने मुश्किल की घड़ी में अपना साथ देने वाले वायनाड को छोड़कर रायबरेली को क्यों चुना? दरअसल, यह निर्णय पार्टी की रणनीति का संकेत देती है.
प्रियंका गांधी को केरल के वायनाड के रास्ते लोकसभा में पहुंचने की हरी झंडी कांग्रेस ने दे दी है. कांग्रेस कार्यकर्ता बहुत पहले से ही यह डिमांड करते रहे हैं. पिछले दिनों राहुल गांधी ने भी कहा था कि बनारस से अगर प्रियंका गांधी चुनाव लड़ी होतीं तो पीएम मोदी चुनाव हार गए होते. सवाल यह है कि अगर इतना विश्वास प्रियंका पर है तो उन्हें इतना देर से क्यों मुख्य धारा में लाया जा रहा है. फिलहाल देर आए दुरुस्त आए जैसा होना चाहिए.