FATF के फ्यूचर प्रोजेक्ट्स में हिस्सा नहीं ले पाएगा रूस, जानें क्यों लगा प्रतिबंध
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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने रूस के भविष्य की परियोजनाओं में भाग लेने पर रोक लगा दी है. FATF प्रमुख टी राजा कुमार ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर FATF के मूल सिद्धांत का उल्लंघन किया है. हमारी संस्था का उद्देश्य किसी भी देश की सुरक्षा, वित्तीय प्रणाली की अखंडता को बढ़ावा देना है.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने रूस के भविष्य की परियोजनाओं में भाग लेने पर रोक लगा दी है. FATF के अध्यक्ष टी राजा कुमार ने कहा कि हमने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की बार-बार निंदा की. इस सप्ताह चर्चा करने के बाद हमने रूस पर कई प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. इसमें सदस्य के रूप में FATF के क्षेत्रीय साझीदार निकायों की बैठकों में भाग लेना भी शामिल है.
टी राजा कुमार ने ये टिप्पणी शुक्रवार को संपन्न हुए FATF के दो दिवसीय पूर्ण सत्र के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की. उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर FATF के मूल सिद्धांत का उल्लंघन किया है. जिसका उद्देश्य किसी भी देश की सुरक्षा, वित्तीय प्रणाली की अखंडता को बढ़ावा देना है.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने रूस की भूमिका पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जिसमें उसे वर्तमान और भविष्य की FATF परियोजनाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है. दूसरी ओर FATF ने म्यांमार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है. दरअसल संस्था ने म्यांमार की प्रगति की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की. देश अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा. इसके अलावा ईरान और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया भी ब्लैकलिस्ट में हैं.
टी राजा कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर किया गया है क्योंकि उसने अपने शासन में सुधार किया है और हम उसकी प्रगति का स्वागत करते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी पाकिस्तान को आगे भी एशिया-पैसिफिक ग्रुप के साथ मिलकर काम करना होगा. FATF के इस फैसले पर पाकिस्तान ने भी खुशी जाहिर की है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से जोर देकर कहा गया है कि पाकिस्तान की ओर से किए गए तमाम प्रयासों पर अब एफएटीएफ ने मुहर लगा दी गई है.
क्या है FATF?
जानकारी के लिए बता दें कि FATF (Financial Action Task Force) एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है. यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने की कोशिश करता है जो आतंकवाद को बढ़ाने के लिए किए जाते हैं. पाकिस्तान पर आरोप लगे थे कि वहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को आर्थिक मदद पहुंचाने का काम हो रहा है. इस आरोप के बाद पाकिस्तान को 2018 में ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था. लेकिन अब कुछ रिपोर्ट्स के आधार पर FATF ने पाकिस्तान को राहत देने का काम कर दिया है. भारत की तरफ से इसका विरोध जरूर किया गया लेकिन FATF ने उसे नजरअंदाज कर दिया.