Exclusive: हॉस्पिटल पार्किंग में मीटिंग, लैपटॉप-मोबाइल की सुविधा... DHFL के मालिक वधावन बंधुओं पर मेहरबान जेल प्रशासन
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34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में मुंबई जेल में बंद डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन के मामले में नया खुलासा हुआ है. आजतक के स्पेशल ऑपरेशन में सामने आया है कि जेल प्रशासन की मेहरबानी से जेल में ऐश काट रहे हैं. दोनों मेडिकल जांच के नाम पर अस्पताल जाते हैं, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते नजर आते हैं. इस दौरान कपिल और धीरज वधावन के घर के लोग और अन्य सहयोगी भी मौजूद रहते हैं.
34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में मुंबई जेल में बंद डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन के मामले में नया खुलासा हुआ है. आजतक के स्पेशल ऑपरेशन में सामने आया है कि जेल प्रशासन की मेहरबानी से जेल में ऐश काट रहे हैं. दोनों मेडिकल जांच के नाम पर अस्पताल जाते हैं, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते नजर आते हैं. इस दौरान कपिल और धीरज वधावन के घर के लोग और अन्य सहयोगी भी मौजूद रहते हैं.
पढ़ें: सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड, दो भाइयों ने बैंकों को लगाया 34615 करोड़ रुपये का चूना कपिल और धीरज वधावन दोनों भाई मनी लॉड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा इस साल 14 मई को गिरफ्तार हुए थे. सीबीआई द्वारा 7 मार्च को वधावन बंधुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि येस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और वधावन बंधुओं ने एक-दूसरे को लाभ पहुंचाया है. येस बैंक के द्वारा 'अनियमित तरीके से' वधावन बंधुओं को लोन दिया गया.
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वधावन बंधुओं, राणा कपूर, कपूर की पत्नी बिंदू कपूर, उनकी बेटियों रोशनी और रेखा तथा उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म डीके जैन ऐंड एसोसिएट्स के खिलाफ 15 जुलाई को मामला दर्ज किया था.
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