Election Results 2022: क्या कांग्रेस का विकल्प बनेगी AAP? जानें 'दिल्ली वाली पार्टी' का अगला प्लान क्या है?
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Punjab Election 2022: पंजाब में अप्रत्याशित जीत के बाद से देश में नई बहस छिड़ गई है. क्या कांग्रेस का विकल्प बनने की राह पर चल पड़ी है आम आदमी पार्टी? अब अरविंद केजरीवाल के बयान तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं.
दिल्ली के बाद पंजाब में भी परिवर्तन की लहर पर सवार होकर आम आदमी पार्टी ने इतिहास रच दिया है. एक ऐसी जीत दर्ज की है कि कई परंपराएं हमेशा के लिए टूट गई हैं. बादल परिवार हारा है, कैप्टन हारे हैं और सिद्धू ने भी कई चुनावों बाद हार का मुंह देख लिया है. इस अप्रत्याशित जीत का सबसे ज्यादा असर उस कांग्रेस पर पड़ा है जो पहले से ही देश में काफी कमजोर हो चुकी है. अब तो बहस ये होने लगी है कि क्या कांग्रेस का विकल्प आम आदमी पार्टी बनने वाली है? क्या राष्ट्रीय स्तर पर अब मोदी को टक्कर देने का काम अरविंद केजरीवाल करेंगे?
दिल्ली वाली पार्टी अब राष्ट्रीय?
पंजाब में 117 सीटों में से 92 पर जीत दर्ज करने के बाद आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी राघव चड्ढा इतने ज्यादा उत्साहित हो गए कि उन्होंने ऐलान कर दिया कि अब राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पार्टी कांग्रेस का विकल्प बनने जा रही है. उनके इस बयान की अहमयित काफी ज्यादा मानी जा रही है. आम आदमी पार्टी को जीत तो दो बार दिल्ली के चुनाव में भी मिल चुकी है. ऐसी जीत मिली है कि विपक्ष का सूपड़ा साफ हुआ है. लेकिन चुनौती तो ये थी कि क्या दिल्ली से बाहर निकल कर भी आम आदमी पार्टी कुछ कमाल कर पाएगी? जो विपक्ष आप को 'दिल्ली वाली पार्टी' कहकर संबोधित करता था, क्या वो पार्टी राष्ट्रीय पटल पर अपनी छाप छोड़ पाएगी? अब पंजाब चुनाव के नतीजों ने आम आदमी पार्टी के लिए वो काम कर दिखाया है.
पंजाब कोई छोटा राज्य नहीं है. यहां की राजनीति में पैर जमाना भी बच्चों का खेल नहीं है. एक तरफ अगर कांग्रेस खड़ी थी तो दूसरी तरफ अकाली भी पूरा दमखम लगा रहे थे. पंजाब की राजनीति में बादल परिवार की सक्रियता तो वैसे भी किसी से नहीं छिपी है. पाकिस्तान से भी इसकी सीमा लगती है लिहाजा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण राज्य है. लेकिन इन सभी चुनौतियों के बावजूद भी आप संयोजक अरविंद केजरवील ने पंजाब पर बड़ा दांव चला. दिल्ली के बाहर पैर पसारने के लिए उन्होंने अपना काफी समय पंजाब में लगाया. जिस दिल्ली मॉडल के जरिए उन्होंने राजधानी में दो बार सत्ता हासिल की, उसी का उदाहरण देकर उन्होंने पंजाब की जनता का दिल जीतने का भी प्रयास किया.
पंजाब में जीत, आप का अगला प्लान क्या?
अब केजरीवाल की वो पहल सफल हो गई है. उन्होंने कांग्रेस को इस चुनाव में सिर्फ हराया नहीं है, बल्कि सीधे-सीधे सफाया कर दिया है. यही फर्क होता है हार और करारी हार में. सीएम चन्नी अपनी दोनों सीटों पर हार चुके हैं, सिद्धू की हार हो गई है और सरकार के कई मंत्री भी अपनी सीट बचाने में फेल हुए हैं. इसका मतलब स्पष्ट है पंजाब की जनता ने केजरीवाल के परिवर्तन वाले नारे का दिल खोलकर स्वागत किया है. उन्हें दिल्ली के बाहर सक्रिय होने का एक सुनहरा मौका दे दिया गया है.
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