CUET: टेस्ट में आएंगे कैसे सवाल? छात्र कर रहे सैंपल पेपर्स का इंतजार
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CUET: कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट 15 जुलाई से 10 अगस्त के बीच 10 दिनों में आयोजित होंगे. इसमें एनसीईआरटी सिलेबस से सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन अभी तक इस परीक्षा के सैंपल पेपर जारी न होने से छात्र परेशान हैं.
CUET UG Exam 2022: देश भर की यूनिवर्सिटीज में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए इस साल CUET परीक्षा आयोजित की जा रही है. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की ओर से आयोजित किया जाएगा. इस परीक्षा के स्कोर के आधार पर ही यूनिवर्सिटी दाखिले होंगे. लेकिन अभी तक इस परीक्षा के सैंपल पेपर्स न आने से छात्र चिंतित हैं.
बता दें कि एनटीए द्वारा 15 जुलाई से स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कंप्यूटर आधारित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) आयोजित किया जा रहा है. वहीं उम्मीदवारों का कहना है कि अभी भी सैंपल पेपर्स और परीक्षा के दिनों और समय के डिटेल शेड्यूल की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
पिछले महीने, एनटीए ने कहा था कि कंप्यूटर आधारित परीक्षा 15 जुलाई से 10 अगस्त के बीच 10 दिनों में आयोजित की जाएगी. फिलहाल एनटीए की ओर से मॉक पेपर एनटीए वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं. जिन पर एनटीए ने साफ कर दिया था कि ध्यान रखें कि ऐसा नहीं है कि मॉक पेपर पैटर्न या प्रश्नों के प्रसार का प्रतिनिधित्व करते हैं. इससे छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, छात्रों का मानना है कि सैंपल पेपर ही उन्हें परीक्षा की बेहतर तैयारी में मदद करेंगे.
सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी की सदस्य ज्योति शर्मा ने aajtak.in से बातचीत में कहा कि एनटीए की ओर से अब तक कराए गए ओरिएंटेशन काफी मददगार साबित हुए हैं. इससे टीचर्स और स्टूडेंट तक सारी जानकारी पहुंचाने में मदद मिली है. छात्र परेशान न हों, एनटीए की ओर से सैंपल पेपर बहुत जल्द जारी होंगे. वहीं एनटीए के अधिकारियों ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए बयान में कहा कि एजेंसी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि परीक्षा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित होगी, और सामान्य परीक्षा में कुछ भी उन पाठ्यपुस्तकों से परे नहीं होगा.
एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक राजीव झा ने कहा कि 12वीं कक्षा के छात्र सीयूईटी की तैयारी को लेकर काफी परेशान हैं. एनटीए ने मॉक टेस्ट यह कहते हुए जारी किए हैं कि इसका पैटर्न या डिफिकल्टी लेवल से कोई संबंध नहीं है. ऐसे में छात्र इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि उनसे किस डिफिकल्टी लेवल के कैसे सवाल पूछे जाएंगे. वहीं कई कोचिंग सेंटर अपने हिसाब से उन्हें सिलेबस पढ़ाकर तैयारी करा रहे हैं. बच्चों को अगर सैंपल पेपर मिल जाते तो उन्हें पैटर्न समझने में काफी आसानी हो जाती.
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