Bajpur Assembly Seat: पिछले चुनाव में BJP ने छीनी थी सीट, क्या कांग्रेस की होगा वापसी?
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बाजपुर विधानसभा सीट: बाजपुर का नाम राजा बाज बहादुर के नाम पर पड़ा था. राजा बाज बहादुर यहां शिकार करने आया करते थे. बाजपुर में शहीद-ए-आजम भगत सिंह का परिवार भी रहता है.
राजा बाज बहादुर के नाम जानी जाने वाली उधम सिंह नगर जिले की बाजपुर विधानसभा सीट नैनीताल और काशीपुर के बीच स्थित है. राम मंदिर आंदोलन हो या फिर मोदी लहर, यहां हर सियासी घटना का असर देखने को मिलता है. बाजपुर, उत्तराखंड की उन चुनिंदा विधानसभा सीटों में है जो सूबे में राजनीति का गढ़ कही जाती है. बीजेपी के यशपाल आर्य लगातार दूसरी बार यहां से विधायक हैं. नैनीताल से 60 किलोमीटर की दूरी पर बसी यह विधानसभा एक समय सफाखाने के नाम से जानी जाती थी. यहां का सफाखाना (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और अंग्रेजों द्वारा बनाया गया डाक बंगला आज भी पुराने शहर की याद दिलाते हैं.देश के कोने-कोने से इन दिनों NEET परीक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी आज ये कहा है कि जितनी शिकायतें देश भर से आ रही हैं, उससे लग रहा है कि मामला गड़बड़ है.नीट की विश्वसनीयता और शुचिता पर सवाल उठ रहे हैं. आइए जानते हैं कि नीट मामलों के एक्सपर्ट और परीक्षा में शामिल हुए छात्र क्या सवाल उठा रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय आने वाले समय में एनएसजी और आईटीबीपी के सुरक्षा ड्यूटी में बड़े बदलाव कर सकता है. ऐसे दर्जनों लोग हैं, जिन्हें एनएसजी और आईटीबीपी सुरक्षा मुहैया कराती है. इनके अलावा ब्लैक कैट कमांडो को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह मुक्त किए जाने की मांग लंबे समय से पेंडिंग है, जिसे आने वाले समय में अप्रूवल मिलने की उम्मीद है.
नीट यूजी रिजल्ट जारी होने के बाद से छात्रों को गुस्सा NTA पर फूट रहा है. पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. वहीं मेडिकल स्टूडेंट्स ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी NTA पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. छात्रों का मानना है कि इस बार परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. आखिर छात्र और NTA के बीच पूरा विवाद क्या हैं? देखें ब्लैक & व्हाइट
सावन के महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार से जल लेने जाते है. ऐसे में दिल्ली सरकार राजधानी में जगह-जगह कांवड़ शिविर लगाती है, जहां कांवड़ियों के रुकने और आराम करने के लिए हर जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है. इस साल दिल्ली भर में लगभग 200 कांवड़ शिविर लगाए जाएंगे. पूर्वी दिल्ली, उत्तरी पूर्वी दिल्ली और शहादरा जिले में कांवड़ियों के एंट्री पॉइंट होंगे. ऐसे में इन तीनों जिलों में सबसे ज़्यादा शिविर लगाए जाएंगे.