
Baisakhi 2022: आज है बैसाखी, जानें इस दिन का खास महत्व और मनाने का तरीका
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बैसाखी पर लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल के घर आने की खुशी में भगवान और प्रकृति को धन्यवाद करते हैं. बैसाखी के कई अलग-अलग नाम हैं. इसे असम में बिहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु के नाम से मनाते हैं. बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं.
Baisakhi 2022:आज यानी 14 अप्रैल को बैसाखी का त्योहार मनाया जा रहा है. बैसाखी को खुशहाली और समृद्धि का त्योहार कहा जाता है. इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल कटकर घर आने की खुशी में भगवान और प्रकृति को धन्यवाद करते हैं. बैसाखी के कई अलग-अलग नाम हैं. इसे असम में बिहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु कहते हैं. बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं.
बैसाखी का महत्व बैसाखी फसल पकने के साथ-साथ सिख धर्म की स्थापना के रूप में भी मनाई जाती है. इस महीने रबी की फसल पूरी तरह पक कर तैयार हो जाती हैं और उनकी कटाी भी शुरू हो जाती है. ऐसा कहा जाता है कि 13 अप्रैल 1699 के दिन सिख पंथ के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. तभी से बैसाखी का त्योहार मनाने का रिवाज चला आ रहा है. बैसाखी से ही सिखों के नए साल की शुरुआत होती है.
बैसाखी का नाम कैसे पड़ा? बैसाखी के समय आकाश में विशाखा नक्षत्र होता है. विशाखा नक्षत्र पूर्णिमा में होने के कारण इस माह को बैसाख कहते हैं. वैशाख माह के पहले दिन को बैसाखी कहा गया है. इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, जिसे मेष संक्रांति भी कहा जाता है.
13 या 14 अप्रैल को ही क्यों होती है बैसाखी? सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करता है तो बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है. यह घटना हर साल 13 या 14 अप्रैल को ही होती है. सूर्य की चाल बदलते ही इस दिन से धूप तेज होने लगती है. सूर्य की तेज किरणें रबी की फसलें पका देती हैं, इसलिए किसानों के लिए ये एक उत्सव की तरह है.
कैसे मनाई जाती है बैसाखी? बैसाखी के दिन गुरुद्वारों को सजाया जाता है. सिख समुदाय के लोग गुरुवाणी सुनते हैं. घरों में भी लोग इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. खीर, शरबत जैसे पकवान बनाए जाते हैं. इसके बाद शाम को घर के बाहर लकड़ियां जलाई जाती हैं. जलती हुई लकड़ियों का घेरा बनाकर गिद्दा और भांगड़ा कर अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हैं. लोग गले लगकर एक दूसरे को बैसाखी की शुभकामनाएंदेते हैं.

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