Badrinath Assembly Seat: पिछले दो सालों से बंद है यात्रा, रोजगार बन सकता है मुद्दा
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बद्रीनाथ विधानसभा सीट: बद्रीनाथ विधानसभा सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है. भारत चीन सीमा से लगा यह विधानसभा क्षेत्र कभी भारत तिब्बत व्यापार का केंद्र हुआ करता था. जो 1962 के बाद बंद हुआ. आर्थिक दृष्टि से भी यह विधनसभा बहुत महत्वपूर्ण है.
चारधामों में एक होने के कारण चमोली जिले की बद्रीनाथ विधासभा सीट हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. उत्तराखंड बनने से पहले केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ एक विधानसभा होती थी. तब इसे बद्री केदार विधानसभा के नाम से जाना जाता था. उत्तराखंड राज्य बनने के साथ ही बद्रीनाथ विधानसभा अलग हो गई. यहां अब तक दो बार कांग्रेस और दो बार भाजपा के विधायक चुने गए हैं.नीट यूजी 2024 की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान परिणामों के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से नोटिस जारी कर जवाब मांगते हैं और मामले की अगली सुनवाई जवाब आने के बाद 8 जुलाई को करेंगे.
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.